Success Story Of IAS Topper Mukund Kumar: यूपीएससी जैसी परीक्षा में पहली बार में सफलता हासिल कर लेना आसान नहीं होता. खासकर तब जब आपकी उम्र मात्र 22 साल की हो, जैसा की मुकुंद के केस में हुआ. मुकुंद ने साल 2019 में अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी. हालांकि बात जब मुकुंद कुमार की तैयारी की आती है तो ये भी सामने आता है कि मुकुंद ने भले यह परीक्षा पहली बार में पास कर ली हो पर इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत और स्मार्ट प्लानिंग रही है. मुकुंद ने अटेम्पट दिया केवल एक बार पर टेक्निकली उन्होंने करीब दो से तीन साल तैयारी करने के बाद पहली बार यह परीक्षा दी और पहली ही बार में न केवल सेलेक्ट हुए बल्कि टॉपर्स की सूची में भी शामिल हुए. मुकुंद उन कैंडिडेट्स में से हैं जो परीक्षा के नेचर को भली-भांति समझने के बाद उसकी तैयारी में जुटे और उन्होंने हर एरिया को भरपूर टाइम दिया. उन्होंने तैयारी के लिए जरूरी सभी हिस्सों को आराम-आराम से और पूरी तरह तैयार किया. एक बार तैयारी पूरी हो जाने के बाद मुकुंद आये रिवीजन पर. इस तरह जब उन्होंने पूरी तैयारी कर ली तब पहला अटेम्पट दिया. चूंकि तैयारी पक्की थी इसलिए सेलेक्शन होने में कोई शंका ही नहीं बची थी. आज जानते हैं मुकुंद से उनकी सफलता का सीक्रेट.


 


सिविल सर्विस ही क्यों –


सैनिक स्कूल असम से 12वीं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन करने वाले मुकुंद कहते हैं, इस परीक्षा में सफल होने के लिए सिविल सर्विसेस को चुनने के पीछे सही कारण का होना बहुत जरूरी है. इससे कैंडिडेट को मोटिवेशन मिलता रहता है. चूंकि परीक्षा की तैयारी में काफी वक्त लगता है इसलिए सही मोटिवेशन का होना बहुत जरूरी है. कोई ऐसा कारण जो आपको बिना रुके सालों मेहनत करने के लिए प्रेरित करे. अपने केस में मुकुंद मानते हैं कि उन्हें लगता था यह क्षेत्र लोगों के बीच रहकर उनके लिए काम करने का अवसर देता है इसलिए वे हमेशा से समाज सेवा से जुड़े इस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते थे. मुकुंद कहते हैं इस क्षेत्र में आने की अपनी-अपनी वजह होती है पर कारण कोई भी हो वह तगड़ा होना चाहिए जो मंजिल तक पहुंचने में आपकी मदद करे.


प्री को देते हैं अत्यंत महत्व –


मुकुंद बाकी कैंडिडेट्स की तरह इस बात पर यकीन करते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी इंटीग्रेटेड होनी चाहिए लेकिन साथ ही उनका यह भी कहना है कि प्री परीक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है. अगर आप इसे ही पास नहीं कर पाएंगे तो आगे की तैयारियों का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा. इसलिए तैयारी शुरू करें तो तीनों परीक्षाओं को दिमाग में रखकर लेकिन जब प्री परीक्षा का समय नजदीक आये तो केवल प्री पर फोकस करें. वे मानते हैं प्री परीक्षा के लिए कम से कम 6 महीने का डेडिकेटेड टाइम देना बहुत जरूरी है. इस समय में केवल प्री के लिए पढ़ाई करें किसी और चीज पर ध्यान न दें. मुकुंद का यह भी कहना है कि इस परीक्षा की तैयारी ठीक से करने में दो साल का समय आराम से लग जाता है. इतने समय में ही आप सारा सिलेबस कवर कर पाते हैं. उन्होंने खुद काफी पहले से तैयारी आरंभ कर दी थी और लगभग पूरे दो साल प्रिपरेशन करने के बाद परीक्षा दी. अब आते हैं परीक्षा के लिए दूसरे जरूरी बिंदु यानी एनसीईआरटी पर. इसके लिए मुकुंद मानते हैं कि वे सभी एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ना जरूरी नहीं समझते. उन्होंने केवल ज्योग्राफी की एनसीईआरटी पढ़ी थी बाकी उन्होंने स्टैंडर्ड किताबों से ही तैयारी की थी. ऑप्शनल को भी मुकुंद बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं जिसके लिए अलग से कम से कम 6 महीने का समय देना बहुत जरूरी है. जब सिलेबस के अनुसार सभी विषय पढ़ लें तो खूब रिवीजन करें. अंत में मुकुंद यही सलाह देते हैं कि कोचिंग करें न करें पर मॉक टेस्ट जरूर दें और खूब आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें. इसके साथ ही अपने मीडियम या बैकग्राउंड को लेकर कभी चिंतित न हों क्योंकि अगर आप में काबलियत है तो यूपीएससी कभी आपके साथ किसी और कारण से अन्याय नहीं करेगा. इसलिए पूरी मेहनत से तैयारी करें, सफलता जरूर मिलेगी.


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