Success Story Of IAS Topper Mukund Kumar: जब हम टॉपर्स की बात करते हैं तो हमारे सामने कई तरह के कैंडिडेट्स आते हैं. कोई पहली बार में सेलेक्ट होता है तो कोई पांचवी बार में तो कोई बार-बार किसी न किसी स्टेज पर फेल होता है. लेकिन हमारे आज के टॉपर मुकुंद की बात ही अलग है जिन्होंने कुछ ज्यादा ही दूरदर्शिता दिखाई और पहला अटेम्प्ट देने के पहले परीक्षा के लिए जरूरी सभी पहलुओं पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के बाद मैदान में उतरे. जब तक वे अपनी तैयारियों से संतुष्ट नहीं हो गए उन्होंने परीक्षा दी ही नहीं. कहने को तो ये मुकुंद का पहला अटेम्प्ट था लेकिन इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत है.


जब मुकुंद ने तय किया कि उन्हें यह एग्जाम देना है उसके बाद वे दिन रात तैयारियों में जुट गए और एक बार अपनी प्रिपरेशन को लेकर आश्वस्त होने के बाद ही उन्होंने पहला अटेम्प्ट दिया. नतीजा वही हुआ जैसा मुकुंद ने सोचा था. पहली ही बार में मुकुंद ने 54वीं रैंक के साथ टॉप किया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में मुकुंद ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की.


 मोटिवेशन है बहुत जरूरी –


मुकुंद कहते हैं कि इस परीक्षा को पास करने या इसकी तैयारी में लगने वाले समय को आप तभी धैर्य और सकारात्मकता के साथ गुजार सकते हैं जब आपके अंदर तगड़ा मोटिवेशन हो. और यह मोटिवेशन आता है साफ नियत से. जब आपका परीक्षा देकर इस पद पर पहुंचने कारण सच्चा और सेवा भाव से भरा होता है तो किसी और को आपको मोटिवेट नहीं करना पड़ता. आप खुद ही मोटिवेटेड रहते हैं और निरंतर लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग पर बिना थके चलते रहते हैं.


जैसे मुकुंद को ही ले लें. वे हमेशा से एक ऐसे क्षेत्र को करियर के रूप में अपनाना चाहते थे जहां से गरीब तबके की मदद की जा सके. उन्हें लगता था कि यही उनकी सच्ची सफलता होगी. इस विचार के साथ ही मुकुंद सालों-साल परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे और जब उन्हें विश्वास हो गया की परीक्षा पास करने के लिए जरूरी सभी पार्ट उनके तैयार हो गए हैं तब उन्होंने फॉर्म भरा.


यहां देखें मुकुंद कुमार द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 




मुकुंद का अनुभव –


मुकुंद बाकी कैंडिडेट्स को यह सलाह देते हैं कि परीक्षा के तीनों चरणों में से प्री परीक्षा सबसे अधिक जरूरी है क्योंकि यहीं अटक गए तो आगे की तैयारी बेकार चली जाएगी. इसलिए प्री के लिए कम से कम 6 महीने की तैयारी अलग से करें. पूरा समय केवल इसी पर फोकस करें. हालांकि जब तैयारी आरंभ करें तो प्री, मेन्स और इंटरव्यू को तीन अलग-अलग परीक्षाएं न मानकर एक मानें और साथ में तीनों के लिए प्रिपेयर करें.


मुकुंद का यह भी कहना है कि इस परीक्षा की तैयारी ठीक से करने में दो साल का समय आराम से लग जाता है. इतने समय में ही आप सारा सिलेबस कवर कर पाते हैं. उन्होंने खुद काफी पहले से तैयारी आरंभ कर दी थी और लगभग पूरे दो साल प्रिपरेशन करने के बाद परीक्षा दी.


ऑप्शनल को भी मुकुंद बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं जिसके लिए अलग से कम से कम 6 महीने का समय देना बहुत जरूरी है. अगली जरूरी बात है रिवीजन की. जब सिलेबस के अनुसार सभी विषय पढ़ लें तो खूब रिवीजन करें. अंत में मुकुंद यही सलाह देते हैं कि मॉक टेस्ट जरूर दें और खूब आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें. अगर आपने ईमानदारी से कोशिश की है तो सफलता जरूर मिलेगी.


IAS Success Story: मेन्स के पहले हॉस्पिटल पहुंचने वाले नवजीवन ने नहीं मानी हार और पहली ही बार में बन गए UPSC टॉपर   

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