Success Story Of IAS Topper Muskan Jindal: यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करना ही बड़ी बात है, ऐसे में अगर कोई पहली बार में यह परीक्षा पास कर लें, उस पर टॉप भी कर ले तो कहना ही क्या. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है इस बार मुस्कान जिंदल ने. मुस्कान ने साल 2019 की परीक्षा में 87वीं रैंक पाकर अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है.
मुस्कान हमेशा से इस क्षेत्र में आना चाहती थी इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई की दिशा सदा ऐसी ही रखी जिससे उन्हें आगे चलकर फायदा मिले. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सोलन के बिद्दी से ही हुई जहां से उन्होंने क्लास 12 तक पढ़ा. इसके बाद एसडी कॉलेज चंडीगढ़ से उन्होंने बी.कॉम ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की और ग्रेजुएशन लास्ट ईयर से ही समय निकालकर चार से पांच घंटे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगी थी.
जब उनका ग्रेजुएशन पूरा हुआ, उस समय उनकी उम्र कम थी और उन्हें यूपीएससी की तैयारी भी करनी थी. दोनों ही कारणों से उन्होंने एक साल का ब्रेक लिया और दिन-रात पढ़ाई में जुट गईं. मुस्कान ने शेयर की अपनी स्ट्रेटजी कि कैसे उन्होंने इस परीक्षा में पहली बार में सफलता पाई.
नहीं की कभी किसी से तुलना
मुस्कान कहती हैं जब यूपीएससी की तैयारी शुरू की तो कभी खुद की तुलना उनसे नहीं की जो कई सालों से तैयारी कर रहे हैं या जो ज्यादा आगे निकल चुके हैं. वे कहती हैं उन्होंने हमेशा खुद पर भरोसा रखा और यह मानकर चली कि किसी और का नहीं पता पर वे पहली बार में यह परीक्षा क्रैक कर सकती हैं और अपने नोट्स किताबों आदि को भी किसी से कम नहीं समझा. वे बार-बार एक बात दोहराती हैं कि नंबर ऑफ रिर्सोस सीमित रखें पर उन्हें बार-बार रिवाइज करें.
यहां तक की वे अपनी सफलता का क्रेडिट ही रिवीजन को देती हैं. उन्होंने अपनी किताबें बिलकुल सीमित रखीं पर उनसे बार-बार पढ़ा. शुरू में प्री और मेन्स की तैयारी इंटीग्रेटेड की पर जब प्री में केवल दो महीने रह गए तो सिर्फ प्री पर आ गईं. इन दो महीनों में केवल प्री के लिहाज से तैयारी की.
मुस्कान न्यूज पेपर हमेशा से पढ़ती आई हैं उस पर भी जब यूपीएससी की तैयारी शुरू की तो इस पर और ध्यान देने लगी. करेंट अफेयर्स के लिए वे ऑनलाइन उपलब्ध कंपाइलेशन पर भरोसा करती थी और उन्हीं की सहायता से तैयारी करती थी. प्री के फैक्ट्स और फिगर्स को मेन्स में आंसर लिखने के लिए इस्तेमाल करती थी और आंसर्स को रिलेट करते हुआ बनाती थी कि कैसे इस फैक्ट को आंसर लिखने में इस्तेमाल किया जा सकता है.
बीच-बीच में लिए ब्रेक
मुस्कान कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए कंसीसटेंसी बहुत जरूरी है. रोज खुद को मोटिवेट करना होता है ताकि कभी यह ख्याल न आए कि आज पढ़ने का मन नहीं. यह आसान नहीं होता पर ऐसा करना पड़ता है. इसके बाद भी अगर कभी ऐसे पल आएं जब लगे कि आज बिलकुल नहीं बन रहा तो खुद से जबरदस्ती न करें और जो भी आपकी हॉबीज हों, उनके लिए समय निकालें. ये ब्रेक आपको न केवल रिफ्रेश कर देंगे बल्कि आप अगले दिन और अच्छे से पढ़ने के लिए मोटिवेट भी हो जाओगे.
जहां तक बात फोन या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की है तो इस बारे में मुस्कान के विचार अलग हैं. वे कहती हैं मैंने अपनी पूरी तैयारी के दौरान फोन अपने पास रखा. इस मामले में मुस्कान को लगता है कि किसी में भी इतना सेल्फ कंट्रोल तो होना ही चाहिए कि जब तक जरूरी न हो, वह फोन को न छुए. ऑनलाइन रिर्सोस का इस्तेमाल करते समय भी यही बात लागू होती है क्योंकि टेस्ट सीरीज या सेक्शनल टेस्ट जोकि मुस्कान ने दिए थे के लिए कैंडिडेट को ऑनलाइन आना ही होगा.
एनसीईआरटी और स्टैंडर्ड बुक्स से की तैयारी
अपने रिर्सोसेस को लेकर मुस्कान साफ थी कि उन्हें किताबें सीमित रखनी है. उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें कई बार पढ़ी और कुछ विषय तो ऐसे थे जिनमें केवल इन किताबों को ही कंसल्ट किया. एनसीईआरटी खत्म करने के बाद वे स्टैंडर्ड बुक्स पर आती थी और उसके भी बाद टेस्ट पेपर सॉल्व करती थी और देखती थी कि कोई एरिया कितना तैयार है. इसके लिए सेक्शनल टेस्ट देती थी. आंसर्स को एनालाइज करती थी और गलतियों को दूर करती थी.
जहां तक बात आंसर राइटिंग की है तो मुस्कान पहले रफ आंसर लिखती थीं फिर उन्हें फेयर करती थी ताकि सही उत्तर लिखने का तरीका सीख सकें. ऐसे करके एक महीने में वे सब सीख गई थीं. बात ऐस्से की करें तो वे प्रैक्टिस को महत्व देती हैं और कुछ कॉमन विषयों से उन्होंने टॉपिक्स तैयार करके रखे थे ताकि पेपर के समय बहुत दिक्कत न हो. मुस्कान साक्षात्कार में सफलता का एक ही मूल मंत्र मानती हैं कि झूठ न बोलें और बैलेंस्ड रहें. इन सब छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखेंगे तो आप भी पहली बार में ही सफल हो सकते हैं.
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