Success Story Of IAS Topper Namrata Jain: साल 2018 की टॉपर नम्रता जैन की सफलता की कहानी काफी प्रेरणादायक है. पहले प्रयास में प्री परीक्षा भी पास न कर पाने वाली नम्रता दूसरे और तीसरे प्रयास में तीनों स्टेजेस पार करती हुई टॉपर बनीं. सेकेंड अटेम्प्ट में नम्रता की 99वीं रैंक आयी थी जिससे उन्हें आईपीएस सेवा एलॉट हुई थी. लेकिन नम्रता को आईएएस ही बनना था इसलिए उन्होंने फिर से अटेम्प्ट दिया और इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नम्रता ने 12वीं रैंक हासिल की, जिससे उनका आईएएस बनना सुनिश्चित हुआ. एक छोटी सी जगह से आयी नम्रता ने कैसे बार-बार यूपीएससी परीक्षा क्रैक की, उन्होंने शेयर किया दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में.


नम्रता की शुरुआती शिक्षा -


नम्रता की शुरुआती शिक्षा बस्तर, दंतेवाड़ा में ही हुयी. यहां से उन्होंने क्लास दस तक पढ़ाई की. इसके बाद वे भिलाई चली गयीं और ग्यारहवीं एवं बारहवीं वहां से की. 12वीं के बाद उन्होंने अपना ग्रेजुएशन भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, से पूरा किया. इंजीनियरिंग के तुरंत बाद नम्रता ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने परीक्षा के साथ कोई दूसरा काम नहीं किया. नम्रता का मानना है कि अगर कोई मजबूरी न हो तो यूपीएससी परीक्षा के साथ कुछ और न करें जैसे जॉब या पढ़ाई. उनके हिसाब से यह परीक्षा पूरा समर्पण मांगती है, तभी तैयारी ठीक प्रकार से हो पाती है और सफलता हासिल होती है.


यहां देखें नम्रता जैन द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 




नम्रता का यूपीएससी सफर -


अगर नम्रता के यूपीएससी सफर की बात करें तो उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट 2015 में दिया था पर इस समय उनका प्री में भी चयन नहीं हुआ था. लेकिन नम्रता बहुत निराश होने के बजाय फेलियर के कारण जानने और उन पर काम करने में विश्वास रखती हैं. उन्होंने किया भी यही, अपनी गलतियों से सीख ली और दोबारा साल 2016 में परीक्षा दी. इस साल नम्रता का सेलेक्शन हो गया और उन्हें 99वीं रैंक मिली. इस स्टेज पर भी वे दंतेवाड़ा से चयनित होने वाली पहली कैंडिडेट थी. नम्रता को रैंक के अनुसार आईपीएस सर्विस मिली और वे सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी, हैराबाद में ट्रेनिंग करने लगीं. इस दौरान उन्होंने तैयारी बंद नहीं की.


नम्रता की सलाह –


नम्रता के अनुसार इस परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे जरूरी है सेल्फ कांफिडेंस. किसी भी वजह से अपने मन में यह शंका न लाएं कि मैं इस एग्जाम में सफल नहीं हो सकता क्योंकि सच तो यह है कि कोई भी कैंडिडेट मेहनत करके इस मुकाम पर पहुंच सकता है. इसके बाद वे दो मुख्य बातें कहती हैं जो हैं पेशेंस और कंसिसटेंसी. नम्रता कहती हैं इस पूरे सफर में आपको संयम रखना होगा, सफलता नहीं मिलेगी, गलतियां होंगी पर हिम्मत नहीं हारनी है. अगली जरूरी चीज है कंसिसटेंसी. जितना भी पढ़ें, रोज पढ़ें.


अंत में बस इतना ही कि परीक्षा की तैयारी के समय प्री, मेन्स और इंटरव्यू को अलग-अलग न मानें. तीनों की तैयारी एक साथ करें. पढ़ने के साथ ही लिख-लिखकर प्रैक्टिस करें क्योंकि कई बार उत्तर आने पर भी कैंडिडेट अच्छे से आंसर नहीं लिख पाते. इसलिए राइटिंग का अभ्यास बहुत जरूरी है. मॉक टेस्ट बिलकुल परीक्षा वाले माहौल में दें, उतनी ही गंभीरता के साथ. यह बहुत लाभ देता है. इनसे आपकी प्रैक्टिस भी होती है और कमियां भी पता चलती हैं जिन्हें आप समय रहते दूर कर सकते हैं. याद रखें कि ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी. कई बार देर लग सकती है पर आपकी मेहनत खाली नहीं जाएगी.


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