IAS Success Story: हमेशा नौकरी के साथ तैयारी करने वाली नंदिनी ने दूसरे प्रयास में क्रैक किया एग्जाम, इस स्ट्रेटजी से पायी सफलता
नंदिनी महाराज ने साल 2018 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की थी. इसके पहले वे प्री स्टेज पर ही अटक गईं थी. हमेशा नौकरी के साथ तैयारी करने वाली नंदिनी से जानते हैं एग्जाम क्रैक करने के टिप्स.
Success Story Of IAS Topper Nandini Maharaj: यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी के दौरान कोई और काम करना है या नहीं यह कैंडिडेट की च्वॉइस होती है. मजबूरी न होने पर अक्सर कैंडिडेट्स तैयारी के साथ दूसरा काम करना ऑप्ट नहीं करते. लेकिन हमारी आज की टॉपर ऐसे कैंडिडेट्स में से हैं जिनके ऊपर किसी प्रकार का दबाव या मजबूरी नहीं थी फिर भी उन्होंने हमेशा काम करते हुए ही परीक्षा की तैयारी की. दरअसल नदिंनी उन कैंडिडेट्स में से हैं जो हमेशा किताबों में नहीं घुसी रह सकती.
इसके उलट वे मानती हैं कि भले दिन-रात किताबों में न डूबे रहें पर जितना पढ़ें, अच्छे से और दिल लगाकर पढ़ें. इसी मंत्र के साथ नदिंनी ने परीक्षा की तैयारी की, जॉब किया और अपनी हॉबी डासिंग को भी पूरा समय दिया. इस प्रकार के शेड्यूल के साथ भी दूसरे प्रयास में उनका चयन हो गया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में नदिंनी ने परीक्षा की तैयारी के विषय में खुलकर बात की.
हमेशा से जी एक अनुशासित लाइफ –
नदिंनी उन लोगों में से हैं जो जीवन में अनुशासन को बहुत महत्व देते हैं. उनके माता-पिता दोनों ही ब्यूरोक्रेट्स हैं और शायद इसीलिए नदिंनी और उनकी बहन हमेशा से बहुत ही अनुशासित माहौल में पले. बचपन से ही हर क्लास में नदिंनी के बढ़िया अंक आते थे. बारहवीं के बाद नदिंनी ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीए ऑनर्स हिस्ट्री में डिग्री ली. इसके बाद पीजी के लिए वे यूके चली गईं और अप्लाईड ह्यूमन राइट्स में एमए किया.
नदिंनी को हमेशा से डांसिंग का और बच्चों को पढ़ाने का बहुत शौक था. अपने करियर के किसी भी मोड़ पर नदिंनी ने इन दोनों कामों को कभी नहीं छोड़ा. वे मानती हैं कि दिमाग को फ्रेश रखने के लिए हर कैंडिडेट को थोड़ा समय अपनी हॉबीज को देना चाहिए. नदिंनी चाहे इंडिया में रहीं, चाहें विदेश में उन्होंने पोल डांसिंग और बच्चों को पढ़ाने का काम कभी बंद नहीं किया.
उनके टीचिंग के लगाव को तो इस बात से ही समझा जा सकता है कि पीजी के बाद उन्होंने एक कोचिंग में हिस्ट्री पढ़ाने का जिम्मा ले लिया और यूपीएससी में अपना ऑप्शनल हिस्ट्री को ही चुना. इस प्रकार जब वे दूसरे कैंडिडेट्स को हिस्ट्री पढ़ाती थी तो उनका खुद का रिवीजन भी हो जाता था.
यहां देखें नंदिनी महाराज द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू –
नंदिनी के टिप्स –
नदिंनी कहती हैं कि वे अपनी हॉबीज और जॉब के बाद दिन के 6 से 7 घंटे ही पढ़ाई के लिए निकाल पाती थी जो उनके हिसाब से काफी है. नदिंनी मानती हैं कि ठीक से टाइम मैनेज किया जाए तो इतना समय बहुत है. सबसे पहले नदिंनी सिलेबस देखने और उसी के हिसाब से किताबें चुनने की सलाह देती हैं. वे कहती हैं टॉपिक्स के बारे में पता करने के दो ही तरीके हैं, या तो सिलेबस देखें या फिर पिछले साल के प्रश्न-पत्र हल करें. इससे भी आपको विभिन्न टॉपिक्स और उनसे कैसे प्रश्न पूछे जाते हैं, यह पता चल जाता है.
पहले अटेम्प्ट में सेलेक्ट न होने के पीछे कारण नदिंनी ऐस्से और एथिक्स पेपर को कम महत्व देना मानती हैं. साथ ही उन्हें मैप्स में समस्या आती थी. इन सभी प्वॉइंट्स पर उन्होंने दूसरे प्रयास में काम किया और इन्हें सुधारा. वे तैयारी के लिए टॉपर्स के इंटरव्यू भी देखने की सलाह देती हैं हालांकि उनका यह भी मानना है कि सुने सबकी पर करें मन की यानी वही करें जो आपके लिए ठीक हो. अपनी स्ट्रेटजी अपने हिसाब से बनाएं.
जब नदिंनी का मेन्स में हो गया तो वह कोई रिस्क लेना नहीं चाहती थी और इंटरव्यू के लिए जी जान लगाकर तैयारी करने लगीं. अंततः उनकी मेहनत रंग लायी और दूसरे प्रयास में 42वीं रैंक के साथ उनका चयन हो गया.
नदिंनी दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि अगर ठीक से प्लानिंग की जाए और ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करें तो आप पढ़ाई के साथ दूसरे काम करते हुए भी एग्जाम क्रैक कर सकते हैं.
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