Success Story Of IAS Topper Navya Singla: नव्या सिंग्ला ने साल 2016 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास कर ली थी. जिस दिन नव्या ने इस क्षेत्र में आने का फैसला किया था, उसी दिन उन्होंने एक फैसला और किया था कि वे पहले ही अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर करेंगी. नव्या की कड़ी मेहनत, सही स्ट्रेटजी और प्रॉपर प्लानिंग का नतीजा यह रहा कि उन्होंने जो चाहा उसे पूरा भी कर के दिखाया. नव्या वाकई पहले ही प्रयास में न केवल सफल हुईं बल्कि बढ़िया रैंक भी लाईं. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में नव्या ने एक साल में परीक्षा पास करने के टिप्स दिए.


अपनी जरूरत के मुताबिक बनाएं योजना –


नव्या कहती हैं कि उन्होंने जब एग्जाम देने का निर्णय लिया तो सबसे पहले कोचिंग ज्वॉइन की. इससे उन्हें बहुत मदद मिली, इसी के आधार पर नव्या दूसरे कैंडिडेट्स को मुख्य रूप से यह सलाह देती हैं कि तैयारी की शुरुआत में ही कैंडिडेट को अपने लिए एक स्ट्रेटजी तय करनी होती है. इसे तय करते वक्त एक बात का ध्यान रखें कि आप गाइडेंस या सलाह कहीं से भी लें लेकिन अपने लिए योजना अपनी जरूरत के मुताबिक बनाएं. यानी अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस के अनुसार. हर कैंडिडेट के स्ट्रांग एरिया अलग होते हैं और वीक एरिया भी. इसलिए आपको जैसी जरूरत लगे वैसा शेड्यूल अपने लिए तय करें. कोचिंग लेनी है या नहीं यह भी आपकी स्ट्रेटजी का ही हिस्सा है.


दूसरी जरूरी बात है ऑप्शनल का चुनाव जो आपकी सफलता में अहम भूमिका निभाता है. नव्या कहती हैं ऑप्शनल बहुत अच्छे से विचार करने के बाद ही चुनें. वैसे मोटे तौर पर सलाह यही दी जाती है कि जिस विषय से आपने ग्रेजुएशन किया हो, उसे चुन सकते हैं क्योंकि पहले पढ़ने के कारण उस पर आपकी अच्छी पकड़ होती है. जैसे नव्या ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया था और इसे ही ऑप्शनल चुना. हालांकि यहां फिर नव्या वही बात दोहराती हैं कि इसका कोई नियम नहीं है जैसा आपको उचित लगे वैसा करें. केवल ध्यान रहे कि परीक्षा की तैयारी के लिए सही स्ट्रेटजी और सही ऑप्शनल का चुनाव दो सबसे जरूरी बिंदु हैं जिनका ख्याल आपको रखना है.



यहां देखें नव्या सिंग्ला द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -




नव्या की सलाह –


अगला जरूरी स्टेप है करेंट अफेयर्स की तैयारी जिसके लिए नव्या न्यूज पेपर पढ़ने पर जोर देती हैं. वे अपना उदाहरण देते हुए कहती हैं कि, मैं तो पेपर के जरूरी हिस्सों के भी नोट्स बनाती थी और उन्हें रिवीजन के लिए इस्तेमाल करती थी. इसी प्रकार मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए भी कम से कम किताबें रखें जिनसे बाद में आसानी से रिवाइज किया जा सके.


इसके बाद आएं आंसर राइटिंग प्रैक्टिस पर जो आपकी सफलता सुनिश्चित करती है. पिछले साल के पेपर देखें, मॉक टेस्ट दें और उत्तर लिखकर देखें कि कहीं कोई कमी तो नहीं है. अगर कुछ मिले तो उसे समय रहते दूर करें.


अंत में नव्या यही कहती हैं कि पूरी तैयारी के दौरान पेपर पढ़ना कभी बंद न करें क्योंकि जब आप अपने आसपास हो रही चीजों से अवेयर होते हैं तो आपके आंसर्स में वैल्यु एडिशन हो जाता है.


यह याद रखें कि एक-डेढ़ साल की तैयारी में यह परीक्षा पास की जा सकती है. पहले प्रयास की बात बाकी प्रयासों में नहीं आती इसलिए जमकर मेहनत करें और पहले प्रयास को आखिरी मानकर आगे बढ़ें. अपने दिमाग में यह बैठा लें कि जो करना है इसी अटेम्प्ट में करना है. हालांकि हमेशा ऐसा सोचने से सफलता नहीं मिलती पर अधिकतर यह आइडिया काम करता है.



IAS Success Story: पहले अटेम्प्ट में प्री परीक्षा में फेल आशीष ने किया अपनी कमियों को दूर और दूसरे प्रयास में बनें UPSC टॉपर  


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