Success Story Of IAS Topper Om Kant Thakur: बिहार के ओम कांत ठाकुर की यूपीएससी जर्नी इस मामले में खास है कि उन्होंने इस परीक्षा के कुल चार अटेम्पट्स दिए, जिसमें से तीन अटेम्प्ट्स में वे लगातार सफल रहे. पहले प्रयास में उनका चयन नहीं हुआ था पर उसके बाद के तीनों प्रयासों में वे सेलेक्ट हुए पर रैंक सुधारने के लिए बार-बार परीक्षा देते रहे. आखिरकार साल 2019 की यूपीएससी सीएसई परीक्षा में उन्हें उनके मन-माफिक 52वीं रैंक मिली और जैसा कि वे चाहते हैं, वैसा ही पद उन्हें एलॉट होगा. यूपीएससी परीक्षा में जहां एक बार मेन्स या इंटरव्यू तक पहुंच जाने के बाद दोबारा प्री भी पास करने की कोई गारंटी नहीं होती ऐसे में ओम का लगातार तीन बार इस परीक्षा में सफल होना और हर बार रिस्क लेने की हिम्मत करना काबिलेतारीफ है. आज जानते हैं ओम से इस परीक्षा की तैयारी के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जा सकता है.


 ओम का बैकग्राउंड


दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए साक्षात्कार में ओम बताते हैं कि उनकी शुरुआती पढ़ाई बिहार बोर्ड हिंदी मीडियम से हई. हालांकि बाद की स्कूलिंग और उच्च शिक्षा उन्होंने अंग्रेजी माध्यम से की. ओम एनआईटी पटना से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट हैं. इस डिग्री के बाद उन्होंने कुछ समय नौकरी भी की पर नौकरी में उनका मन नहीं लगा. उसी समय उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने की योजना बनायी. हालांकि कुछ समय में ही उन्हें अहसास हो गया कि नौकरी के साथ तैयारी करने से न तो नौकरी ढ़ंग से हो पा रही है न तैयारी. इस विचार के साथ उन्होंने जॉब छोड़ दी और परीक्षा की तैयारी के लिए अपने बड़े भाई के पास दिल्ली आ गए. यहां उन्होंने कोचिंग ज्वॉइन की जिसके लिए वे मानते हैं कि कोचिंग से मदद तो मिली पर ज्यादा हेल्प सेल्फ स्टडी ही करती है. कोचिंग के बाद उन्होंने अपना पहला अटेम्पट 2016 में दिया जिसमें सेलेक्ट नहीं हुए और कोचिंग छोड़कर पूरी तरह से तैयारी में जुट गए.


दूसरे प्रयास में ओम सफल हुए और उनकी रैंक आयी 396. अपनी रैंक से वे खुश नहीं थे इसलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी. इस बार उनकी रैंक आयी 252 जिससे उन्हें इंडियन ट्रेड सर्विस एलॉट हुई, जिसमें वे कार्यरत हैं. इसके बाद अपने चौथे अटेम्पट में ओम को 52वीं रैंक के साथ मनचाही सफलता मिली.


आप यहां ओम कांत ठाकुर द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू का वीडियो भी देख सकते हैं



ऐसे करें शुरुआत


साक्षात्कार में बात करते हुए ओम आगे कहते हैं कि कैंडिडेट्स के लिए जरूरी है कि वे किसी और की स्ट्रेटजी को आंख बंद करके फॉलो न करें बल्कि अपनी स्ट्रेटजी अपने हिसाब से बनाएं.


अगर प्री की तैयारी की बात करें तो ओम कहते हैं कि सबसे पहले सिलेबस देखें और एनसीईआरटी की किताबों के अलावा थोड़ी-बहुत और किताबें ही पढ़ें. इससे ज्यादा की जरूरत नहीं है पर इन्हें अच्छे से तैयार करें. इसके बाद वे अगला जरूरी बिंदु मानते हैं टेस्ट पेपर्स को. ओम कहते हैं कि तैयारी हो जाने के बाद कम से कम 50 से 60 टेस्ट पेपर हल करें. यही नहीं टेस्ट पेपर बिलकुल टेस्ट जैसे माहौल में और समय सीमा के अंदर सॉल्व करें.


बात करें करेंट अफेयर्स की तो इसके लिए ओम नियम से डेढ़ से दो घंटे पेपर पढ़ना आवश्यक मानते हैं. वे कहते हैं कि इससे ही करंट कवर हो जाता है. इसके साथ ही किसी भी कोचिंग की मंथली मैगजीन सब्सक्राइब कर लें इसे भी पढ़ें.


ओम की सलाह


ओम कहते हैं कि मेन्स के लिए डिटेल में पढ़ाई करनी होती है इसलिए अपनी किताबों को एक तय समय पर खत्म करें और आंसर राइटिंग का अभ्यास करें. एथिक्स, ऐस्से किसी भी पेपर को कम न समझें और सबको बराबर महत्व दें. ओम एक बात पर जोर देते हैं कि सबसे पहले सिलेबस के हिसाब से बुक्स फाइनल करें और ध्यान रहे कि चाहे जो हो जाए अपनी बुक लिस्ट को न बदलें. मार्केट में कितनी भी नयी किताबें आ जाए कोई कुछ भी कहे पर आप अपनी किताबों पर फिक्स रहें. उनकी लिस्ट दीवार पर चिपका लें और उसी के अनुरूप तैयारी करें.


बुकलिस्ट के बाद दूसरी जरूरी बात आती है स्ट्रेटजी की. अपने अनुसार अपनी रणनीति बनाएं. ओम कहते हैं शेड्यूल भी तय कर लें और पहले मेन्स के लिए पढ़ने के बाद एंड के महीनों में केवल प्री की तैयारी करें. टेस्ट पेपर रोज लगाएं और अपनी कमियां दूर करते चलें. वे कहते हैं कि पढ़ाई के लिए घंटों की जगह पन्ने फिक्स करें कि एक दिन में इस किताब के इतने पेज खत्म करने हैं. पहली बार आपको बहुत समय लगेगा पर दूसरी-तीसरी बार से कम समय लगने लगेगा.


अंत में ओम यही कहते हैं कि पूरे डेडिकेशन और कंसिसटेंसी से पढ़ाई करें. कभी हताश हों तो उन लोगों से बात करे जो आपको पॉजिटिव बातें समझाते हों. कुछ समझ न आए तो ब्रेक लें और सो जाएं. निरंतर कड़ी मेहनत से इस परीक्षा को पास किया जा सकता है.


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