IAS Success Story: तीसरे प्रयास में तीसरी रैंक के साथ प्रतिभा बनीं टॉपर, तमाम कठिनाइयों को पारकर पहुंचीं मंजिल तक
साल 2019 की यूपीएससी सीएसई परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक तीन के साथ सेलेक्ट होने वाली प्रतिभा ने अपने इस अटेम्प्ट में बहुत सारी समस्याओं का सामना किया जिसमें मुख्य थी सेहत संबंधी परेशानियां. कैसे पार पाया प्रतिभा ने इनसे, जानें.
Success Story Of IAS Topper Pratibha Verma: साल 2019 की टॉपर प्रतिभा वर्मा को यह सफलता अपने तीसरे प्रयास में मिली. इसके पहले भी वे यूपीएससी सीएसई परीक्षा के दो अटेम्प्ट दे चुकी थी पर सेलेक्ट नहीं हुई थी. अंततः तीसरे प्रयास में प्रतिभा ने न केवल अपना सेलेक्शन सुनिश्चत किया बल्कि ऑल इंडिया रैंक तीन के साथ टॉपर भी बनीं. यूं तो इस परीक्षा की तैयारी में प्रतिभा को बहुत सी परेशानियों को सामना करना पड़ा लेकिन इस साल उनकी सबसे बड़ी परेशानी बनी खराब सेहत. यहां सेहत से मतलब फिजिकल और मेंटल दोनों तरह के स्वास्थ्य से है. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में प्रतिभा ने मुख्यतः इसी मुद्दे पर बात की.
प्रतिभा का यूपीएससी सफर –
प्रतिभा सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश की हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई यहीं से हुई है. बारहवीं के बाद प्रतिभा ने दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया और दो साल नौकरी करने के बाद यूपीएससी का रुख कर लिया. दरअसल प्रतिभा को नौकरी रास नहीं आयी और उनका मन सिविल सेवा की तरफ झुकने लगा. नौकरी छोड़कर प्रतिभा पूरी तरह से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गईं. इस दौरान प्रतिभा ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखें जिनमें एक मुख्य था हेल्थ इश्यू. उन्हें इस परेशानी से इतनी बार दो-चार होना पड़ा कि वे दूसरे कैंडिडेट्स को यह सलाह देती हैं कि पढ़ाई करें लेकिन सेहत को इग्ननोर न करें वरना फायदे की जगह नुकसान में रहेंगे.
दरअसल अक्सर कैंडिडेट्स सेहत से जुड़ी छोटी-छोटी चीजों को एवॉएड करते हैं ताकि पढ़ाई के लिए समय कम न पड़े और बाद में होता यह है कि वे बीमार हो जाते हैं. इससे जितना समय वे बचा रहे होते हैं, उससे कहीं ज्यादा बर्बाद हो जाता है.
यहां देखें प्रतिभा वर्मा द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
स्ट्रेस को रखें काबू में –
प्रतिभा कहती हैं कि यह परीक्षा है ही इतनी बड़ी की इसका स्ट्रेस होना लाजिमी है पर इस बात को समझें कि स्ट्रेस से कोई लाभ नहीं होता. जो होना होता है वही होता है. रिजल्ट की चिंता में घुलने के बजाय कर्म करने पर ध्यान दें. आप किसी भी चीज के परिणाम के बारे में कितना भी सोच लें पर उससे कुछ नहीं बदलता सिवाय इसके कि ओवर स्ट्रेस से आप अपनी सेहत बिगाड़ लेते हैं जैसा कि प्रतिभा ने किया था. ऐसे में उनकी फैमिली और कुछ करीबी दोस्तों ने उन्हें संभाला वरना प्रतिभा चिंता कर करके कई बार बीमार पड़ चुकी थी. वे दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि ओवर थिंकिंग से बचें, यह ऐसा कीड़ा है जो आपको अंदर ही अंदर खाता है.
योगा और मेडिटेशन से हुआ लाभ -
एक समय जब प्रतिभा की सेहत इतनी खराब हो गई कि वे यह सोचने पर मजबूर हो गईं कि परीक्षा का जो होना हो वह हो, वे अब अपनी सेहत को और इग्नोर नहीं कर सकती. इस समय योगा और मेडिटेशन उनके लिए रामबाण साबित हुए. वे नियम से योगा और मेडिटेशन करने लगीं जिससे उनकी सेहत में बहुत सुधार हुआ.
प्रतिभा दूसरे कैंडिडेट्स को भी यही सलाह देती हैं कि बीमार होने का इंतजार न करें और पहले ही अपने दिन के शेड्यूल में इन चीजों को जगह दें. अगर आप रेग्यूलर बेसिस पर फिजिकल और मेंटल एक्सरसाइजेस करते रहेंगे तो यह नौबत आएगी ही नहीं. ध्यान रहे परीक्षा जरूरी है पर आपकी सेहत सबसे जरूरी है.
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