Success Story Of IAS Topper Pushp Lata: हमारी सोसाइटी में अक्सर शादी के बाद महिलाओं को करियर बनाने के बारे में सोचने का ज्यादा वक्त नहीं मिलता. हालांकि अपवाद हर क्षेत्र में होते हैं लेकिन बहुलता ऐसी ही महिलाओं की मिलेगी जो शादी के पहले सामान्य तौर पर जो मुकाम हासिल कर लेती हैं, वह अंतिम होता है. शादी और खासकर बच्चे के बाद उनका ज्यादातर समय परिवार की जिम्मेदारियों में ही चला जाता है.


लेकिन ऐसे में पुष्प लता जैसे कैंडिडेट्स भी सामने आते हैं जिनको पढ़ाई छोड़े पांच साल से ज्यादा का समय हो गया होता है और जिनका दो साल का बच्चा होता है पर वे इस स्टेज पर सिविल सर्विसेस एग्जाम देने की योजना बनाती हैं. यही नहीं उनका इरादा इतना दृढ़ होता है कि न केवल योजना बनती है बल्कि सफलता भी मिलती है. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में पुष्प लता ने यूपीएससी जर्नी के बारे में खुलकर बात की.


एक छोटे से गांव की हैं पुष्प लता -


रेवाड़ी जिले के एक छोटे से गांव खुशबूरा में जन्मी पुष्प लता की शुरुआती पढ़ाई यही हुयीं. इसके बाद आगे की शिक्षा उन्होंने अपने एक रिश्तेदार के घर में रहकर पूरी की. हायर स्टडीज में पुष्प लता ने एमबीए किया और एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने लगी. इसी बीच उनकी शादी हो गयी और एक बेटे के जन्म के साथ ही पुष्पलता सामान्य जीवन जी रही थी. इस समय वे एक बैंक में काम भी कर रही थी.


पुष्प लता को यह नौकरी खास भाती नहीं थी और वे सिविल सर्विसेस देने की योजना बना रही थी पर उन्हें शक था कि कैसे वे इस कठिन परीक्षा के लिए तैयारी कर पाएंगी. पुष्प लता का रुझान बचपन से ही पढ़ाई की ओर था लेकिन एक बार पढ़ाई छूटने और पांच साल का गैप हो जाने के बाद दोबारा शुरुआत करना आसान नहीं होता इस मौके पर उनके डॉक्टर पति ने उनका हौंसला बढ़ाया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.


यहां देखें पुष्प लता द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 



 


पुष्प लता की सलाह –


पुष्प लता कहती हैं कि अगर आप एक ऐसी जगह रहते हैं जहां कोचिंग की सुविधा नहीं है तो परेशान न हों क्योंकि आज के समय में इंटरनेट एक ऐसा माध्यम बनकर उभरा है जहां सबकुछ एक क्लिक पर पाया जा सकता है. प्री की तैयारी हो या इंटरव्यू के लिए जानकारी आप सब कुछ नेट पर देख सकते हैं.


दूसरी जरूरी बात की जब आप परीक्षा क्लियर करने की प्लानिंग करें तो रास्ते की कठिनाइयों के बारे में न सोचें बल्कि इरादा मजबूत करके सफर के लिए निकल पड़ें. पुष्प लता ने भी एक फिल्म में सुनी इन लाइनों को हमेशा अपना मोटिवेशन बनाया कि कोई चीज दिल से चाहो तो वह जरूर मिलती है और उनका दिल तो सिविल सर्विसेस पर ही अटका हुआ था. शायद उनका दृढ़ निश्चय ही था कि तमाम तरह से टाइम मैनेजमेंट करने के बाद पढ़ाई के लिए वक्त निकलता था पर वे कभी हारकर पीछे नहीं हटती थी.


कभी सुबह चार बजे उठकर पढ़ीं तो कभी बच्चे के सोने के बाद. घर के कामों को वह पढ़ाई से मिलने वाला ब्रेक मानती थी और जब मौका मिलता था बस किताब लेकर बैठ जाती थी. दरअसल उन्होंने अपनी समस्याओं पर कभी नजर नहीं रखी बल्कि अपने लक्ष्य को निगाहों के सामने रखा. नतीजा यह हुआ कि वे एग्जाम क्लियर कर गईं. इस सफर में पुष्प लता अपने पति और परिवार का आभार व्यक्त करना नहीं भूलती, जिनकी मदद के बिना वे कभी मंजिल तक नहीं पहुंचती.


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