IAS Success Story: टाइम मैनेजमेंट को हथियार बना ऋषब ने तीसरी बार में कैसे पास की UPSC की परीक्षा, जानें
तमिलनाडु के ऋषब सीए ने साल 2018 में 23वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा में टॉप किया था. यह उनका तीसरा अटेम्पट था जिसमें उन्होंने जीएस टू पेपर में हाइऐस्ट स्कोर भी किया. जानते हैं ऋषब से सफलता के टिप्स.
Success Story Of IAS Topper Rishabh CA: तमिलनाडु के ऋषब आईएएस बनने से पहले इंजीनियर थे. कुछ कारणों से उन्होंने यूपीएससी के क्षेत्र में आने का मन बनाया और तैयारी शुरू कर दी. पहले के दो प्रयासों में ऋषब सफल नहीं हुए पर तीसरे अटेम्पट में वे टॉपर बने. साल 2018 में ऋषब ने 23वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा में टॉप किया. ऋषब ने इस साल एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया जिसके तहते वे साल 2018 के जीएस टू पेपर के टॉपर बने. यानी इस पेपर में सबसे अधिक अंक पाने वाले कैंडिडेट. उनके 250 में से 125 अंक थे. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में ऋषब ने शेयर किए कुछ टिप्स जिनकी सहायता से कैंडिडेट सफल हो सकते हैं.
सिलेबस को जोड़ें करेंट अफेयर्स से
इस बारे में बात करते हुए ऋषब कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले सबसे पहले सिलेबस को देखें और यह देखें कि कौन से टॉपिक्स ऐसे हैं जो करेंट अफेयर्स से रिलेटेड हैं. इन्हें देखकर इनकी तैयारी इसी अनुरूप करें. यानी इस प्रकार की करेंट अफेयर्स भी तैयार हो जाएं और विषय भी. इसके बाद अपनी जरूरत के मुताबिक किताबें इकट्ठी करें और तैयारी शुरू कर दें. किताबों को लेकर सेलेक्टिव रहें और भले बुक्स फाइनल करने में समय लगे पर बहुत सारी किताबें न चुनें. एक ही किताब को बहुत बार पढ़ें यह ज्यादा मदद करेगा.
पिछले तीन साल की टेस्ट सीरीज देखें
ऋषब मानते हैं कि जब सिलेबस देखने के बाद किताबें फाइनल हो जाएं तो पिछले कम से कम तीन साल के प्रश्न पत्र देखें. इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि जो विषय आपने तैयार किए हैं उनसे प्रश्न किस प्रकार के पूछे जाते हैं. दरअसल कोई विषय तैयार होना और बात है और उससे जो प्रश्न बनते हैं, उनका ठीक से जवाब देना और. इसलिए सिलेबस को प्रश्न के रूप में देखने से आपकी तैयारी पक्की होती है. प्रश्नों के पैटर्न का भी पता चलता है जिससे आप उसी हिसाब से अपनी तैयारी कर पाते हैं और जहां कमी होती है, उसे दूर करते हैं. पिछले साल के प्रश्न-पत्र जरूर हल करें.
नोट्स बनाएं
ऋषब किसी भी विषय को पक्का करने के लिए उसके कम शब्दों के नोट्स बनाने पर भी जोर देते हैं. उनके अनुसार नोट्स बनाने से बाद में रिवाइज करना आसान होता है. नोट्स हैंड रिटेन बनेंगे या नोट पैड पर यह कैंडिडेट की अपनी च्वॉइस है लेकिन ये हेल्प करते हैं. पिछले साल के प्रश्न-पत्र बिलकुल पेपर जैसे माहौल में हल करें. हर विषय के कम से कम दस पेपर तो हल करें ही. जब तैयारी काफी हद तक आगे बढ़ जाए तो टेस्ट सीरीज ज्वॉइन कर लें. ये फाइनल परीक्षा के समय बहुत मदद करती है. इन्हीं से आप टाइम मैनेजमेंट सीखेंगे जो इस परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे जरूरी है.
देखें ऋषब सीए द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
ऋषब की सलाह
अंत में ऋषब यही कहते हैं कि उत्तर हर कोई लिखता है पर अपने उत्तरों को इनोवेटिव बनाने की कोशिश करें. आपका प्रेजेंटेशन ऐसा होना चाहिए जो दूसरों से अलग हो और एग्जामिनर को आकर्षित करें. इसके लिए विषय के अनुसार आंसर्स में इनपुट डालें. जैसे मैप, चित्र, टेबल्स, फैक्टस एंड फिगर्स वगैरह. अगर विषय से संबंधित कोई रिपोर्ट या केस स्टडी आपकी याद में हो तो उसे भी जरूर लिखें. पेपर को कभी भी अधूरा छोड़कर न आएं वरना आपके परीक्षा पास करने के चांस कम रहते हैं. कोशिश करें और पेपर पूरा हल करें. किसी प्रश्न में अतिरिक्त समय देने से बेहतर है कि सभी प्रश्न हल करें, ये ज्यादा अंक दिलाता है. पूरे पेपर को समय के हिसाब से बांट लें और हर प्रश्न को उतना ही समय दें ताकि समय की कमी न हो. सिलेबस से स्टिक रहना, खूब प्रैक्टिस करना और आंसर्स को रिच बनाना जैसी कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो जरूर सफल होंगे.
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