Success Story Of IAS Topper Sachin Gupta: सिरसा, हरियाणा के सचिन गुप्ता ने साल 2017 की यूपीएससी परीक्षा में तीसरी रैंक के साथ टॉप किया था. यह उनका तीसरा प्रयास था. दूसरे प्रयास में भी सचिन का चयन हुआ था पर रैंक आयी थी 575 जिसके अंतर्गत उन्हें इंडियन लॉ कॉरपोरेट सर्विस एलॉट हुई थी. सचिन अपने इस एचीवमेंट से खुश नहीं थे इसलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और अबकी बार सारे रिकॉड तोड़ते हुए सीधे तीसरा स्थान प्राप्त किया. सचिन ने पटियाला की एक यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल में इंजीनियरिंग की हुई है. उनकी स्कूलिंग सिरसा में ही हुई. सिविल सर्विसेस में जाने का सपना सचिन ने बहुत समय पहले देखा था. यही नहीं वे जानते थे कि जो वे पाना चाहते हैं उसके लिए कितनी मेहनत और कितना त्याग करना पड़ेगा पर सचिन किसी भी स्थिति के लिए तैयार थे. उनका ऐम केवल सिविल सर्विसेस परीक्षा पास करना था चाहे कितना भी समय लग जाए या कितनी भी मेहनत करनी पड़े.


सुनो सबकी, करो मन की –


सचिन कहते हैं उन्होंने भी परीक्षा की तैयारी से पहले बहुत से टॉपर्स के इंटरव्यू देखे और पढ़े और लोगों से उनका एक्सपीरियंस पूछा लेकिन अपने लिए स्ट्रेटजी बनाते समय उन्होंने केवल अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस पर ध्यान दिया. वे मानते हैं कि इस परीक्षा को पास करने में सबसे अहम रोल हार्ड वर्क का होता है लेकिन सही दिशा में मेहनत की जा रही हो यह भी जरूरी है. इसके बाद दूसरा मुख्य बिंदु सचिन मानते हैं सेल्फ-बिलीफ को. वे कहते हैं अगर आप खुद ही अपने पर विश्वास नहीं करेंगे कि कैसे यह कठिन परीक्षा पास होगी तो यकीन मानिये आप कभी सफल नहीं होंगे. सचिन आगे बताते हैं कि आईएएस जैसा बड़ा गोल सेट करने के पहले आपको खुद में क्लियर होना चाहिए की आप आखिर इस क्षेत्र में क्यों आना चाहते हैं. अगर मकसद साफ हो तो इस सफर में आने वाली परेशानियों से इंसान घबराता नहीं है. आपको पता होता है कि जो टारपेट आपने सेट किया है, उसे पाना आसान नहीं है और इसके लिए आपको निरंतर प्रयास करना है, जब तक मंजिल न मिल जाए.


रिवीजन, रिवीजन और रिवीजन –


सचिन अपनी तैयारी के विषय में बात करते हुए कहते हैं कि यूपीएससी का सिलेबस भली प्रकार समझने और अपनी स्ट्रेटजी अपने अनुसार बनाने के बाद अगला स्टेप आता है लिमिटेड रिर्सोस से पढ़ाई करना. बहुत सारी किताबें काम नहीं आती इससे बस प्रेशर बढ़ता है और आप कंफ्यूज होते हैं. बेहतर होगा जो है उसको बस बार-बार रिवाइज करें. जहां जरूरत हो शॉर्ट नोट्स बनाएं और टाइम मैनेजमेंट का विशेष ख्याल रखें. एक बार कोर्स पूरा हो जाए तो मॉक टेस्ट दें और केवल टेस्ट देने से काम नहीं चलेगा, उन्हें चेक भी कराएं, देखें कहां गलती कर रहे हैं. सचिन कहते हैं राइटिंग प्रैक्टिस बहुत जरूरी है वरना पेपर छूट जाता है. इथिक्स और ऐस्से के पेपर के लिए सचिन खासतौर पर मानते हैं कि लिख-लिखकर अभ्यास करें क्योंकि इन पेपर्स में बेसिकली आपका इमोशनल कोशेंट चेक किया जाता है. आप किस मुद्दे पर क्या सोचते हैं यानी आपका प्वॉइंट ऑफ व्यू क्या है. वे कहते हैं यहां कुछ भी सही या गलत नहीं होता, बस यूपीएससी आपका नजरिया परखता है. ठीक ऐसा ही साक्षात्कार के समय पर भी होता है. वहां आंसर करते समय कभी ये न सोचें कि आप गलत हैं या सही क्योंकि यहां वे किसी भी मुद्दे पर आपके विचार जानना चाहते हैं, जोकि बैलेंस्‍ड हों तो बेहतर है. सचिन अपनी बात को इस बिंदु के साथ खत्म करते हैं कि यह परीक्षा आसान नहीं है लेकिन निरंतर प्रयास से इसे पास किया जा सकता है. खूब मेहनत करें और हिम्मत न हारें जब तक सफल न हो जाएं.


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