Success Story Of IAS Topper MV Satya Sai Karthik: हमारी सोसाइटी में आमतौर पर एक चलन देखा जाता है कि जो बच्चे खेलकूद में आगे होते हैं उन्हें पढ़ाई में खुद-ब-खुद पीछे मान लिया जाता है. लेकिन हैदराबाद के सत्य साईं कार्तिक इस मामले में अपवाद हैं. बचपन से ही कार्तिक को क्रिकेट खेलने का शौक था और उन्होंने यूनिवर्सिटी लेवल तक अपने कॉलेज को इस गेम में रिप्रेजेंट किया लेकिन पढ़ाई में भी पीछे नहीं रहे. यही नहीं उन्होंने अंडर -19 टीम में अपने स्टेट के लिए भी क्रिकेट खेला. पेशे से इंजीनियर कार्तिक को ग्रेजुएशन पूरा करने और कुछ समय नौकरी करने के बाद यूपीएससी के क्षेत्र में जाने का ख्याल आया. उन्होंने काफी पहले से इस बाबत प्रयास भी शुरू कर दिए लेकिन उन्हें सफलता मिलने में काफी समय लग गया. कार्तिक ने चार अटेम्पट्स दिए और चौथे अटेम्पट में उनका सेलेक्शन हुआ. इसके पहले के प्रयासों में वे प्री स्टेज पर क्लियर नहीं कर पा रहे थे. आज जानते हैं उनसे उनकी तैयारी के टिप्स.


कार्तिक का बैकग्राउंड


कार्तिक तेलांगना, हैदराबाद के हैं. उनकी स्कूल एजुकेशन हैदराबाद में ही पूरी हुई और इसके बाद उन्होंने वहीं के एक कॉलेज से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद कार्तिक ने एक मल्टीनेशनल कंपनी में करीब 6 महीने काम किया. इसी दौरान उन्हें यूपीएससी का ख्याल आया और वे तैयारी में जुट गए. कार्तिक के घर में माता-पिता के अलावा एक छोटी बहन है जो बिजनेस संभालती है. कार्तिक को हमेशा परिवार का सहयोग मिला लेकिन सभी प्रयासों के बाद भी उन्हें इस परीक्षा में बार-बार असफलता मिली. कार्तिक ने तभी भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार लगे रहे. अंततः चौथे प्रयास में कार्तिक को साल 2019 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 103वीं रैंक के साथ टॉप किया. इस रैंक के अंतर्गत उन्हें आईपीएस सेवा एलॉट हुई.


ऐसे की शुरुआत


दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में बात करते हुए कार्तिक कहते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी की शुरुआत के लिए उन्होंने सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबें देखीं. यहां से न केवल उनका बेस मजबूत हुआ बल्कि वे विषयों से भी वाकिफ हुए की यूपीएससी के लिए आखिर किस प्रकार की पढ़ाई करनी पड़ती है. परीक्षा के बारे में सारी जानकारी इकट्ठा करने के बाद उन्होंने अपना ऑप्शनल सोशियोलॉजी तय किया, जोकि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में अहम भूमिका निभाता है. बेस मजबूत करने के बाद कार्तिक ने कोचिंग ज्वॉइन की और वहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन में तैयारी करने लगे.


आंसर राइटिंग और प्रैक्टिस टेस्ट्स को मानते हैं जरूरी


कार्तिक कहते हैं कि दिल्ली में कोचिंग करने के दौरान जब एक स्टेज पर आकर उन्हें लगा कि उनकी तैयारी एक लेवल पर पहुंच गई है तो उन्होंने आंसर राइटिंग प्रैक्टिस शुरू कर दी. दूसरे कैंडिडेट्स की तरह कार्तिक भी मानते हैं कि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए आंसर राइटिंग का बहुत महत्व है. जो पढ़ा है जब तक उसे ठीक से लिख नहीं पाएंगे तो कोई लाभ नहीं होगा.


देखें सत्य साईं कार्तिक द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



इसी प्रकार प्री के लिए कार्तिक प्रैक्टिस को बहुत महत्व देते हैं. वे कहते हैं कि जब एनसीईआरटी की किताबें पूरी हो जाएं तो स्टैंडर्ड बुक्स पर आ जाएं. जब इनसे भी तैयारी पूरी हो जाए तो अभ्यास शुरू कर दें. जितने अधिक से अधिक हो सके टेस्ट दें क्योंकि यही आपको मुख्य परीक्षा में सफल बनाएंगे. अपनी कमियों पर काम करें और उन्हें अभ्यास के दौरान ही समझकर दूर करें.


फिजिकल और मेंटल हेल्थ का भी रखें ध्यान


पढ़ाई कैसे करें इस बारे में बात करने के अलावा कार्तिक एक बात पर और ध्यान देने के लिए कहते हैं और वह है अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर फोकस करना. उनका मानना है कि जब तक आप फिजिकली और मेंटली हेल्दी नहीं होगे तब तक अपना 100 परसेंट नहीं दे पाओगे. इसलिए समय निकालें और दिन में कम से कम आधा घंटा वर्कआउट जरूर करें. इसी प्रकार कार्तिक दिन में 15 से 20 मिनट मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइजेस को भी देते थे. कार्तिक कहते हैं कि परीक्षा के दिन या परीक्षा के पहले बिलकुल भी स्ट्रेस न लें वरना आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है.


अंत में इतना ही कि अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस को फाइंडआउट करें और उन पर काम करें. खुद से ईमानदार रहें और तैयारी में किसी प्रकार की कमी न रखें. हो सकता है सफलता मिलने में समय लगे पर अपनी मेहनत और समर्पण में  किसी प्रकार की कमी न आने दें.


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