Success Story Of IAS Topper Saumya Gururani: यूपीएससी परीक्षा में सफल होना आसान नहीं है यह तो हम सब जानते हैं पर कई बार अहम सवाल यह होता है कि आखिर कोई कैंडिडेट कितनी बार असफल होने या अपने जीवन के कितने साल देने के बाद भी धैर्य रख सकता है. इसका जवाब देती हैं अल्मोड़ा की सौम्या गुरुरानी. जिन्होंने एक या दो नहीं पूरे चार अटेम्पट दिए तब जाकर उनका चयन पसंदीदा आईएएस पद के लिए हुआ. हालांकि सौम्या तीसरी बार में भी सेलेक्ट हुयी थीं पर उन्हें 148वीं रैंक मिली थी, जिससे उन्हें आईपीएस सेवा एलॉट हुयी थी. सौम्या अपनी इस सफलता से खुश थीं पर संतुष्ट नहीं, उन्हें आईएएस ही बनना था. इसलिए उन्होंने फिर परीक्षा दी और 2018 में न केवल सेलेक्ट हुयीं बल्कि उनकी ऑल इंडिया रैंक 30 भी आयी जिससे उनका आईएएस बनने का सपना अंततः सच हुआ. आज जानते हैं सौम्या से उनके सफर के बारे में.
सौम्या शुरू से थी पढ़ाई में अव्वल –
सौम्या हमेशा से पढ़ाई में अच्छी थी. उनकी स्कूलिंग अल्मोड़ा से ही हुयी. इसके बाद उन्होंने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुड़की से बीटेक किया. सौम्या ने अपना ग्रेजुएशन 2013 में पूरा किया. इस समय तक उन्होंने सिविल सर्विसेस के बारे में नहीं सोचा था. हालांकि ग्रेजुएशन खत्म करने के बाद उन्हें दो कारणों से सिविल सर्विसेस का ख्याल आया. पहला एकेडमिक्स में अच्छी होने के कारण उनकी फैमिली को लगता था कि वे यह परीक्षा पास कर लेंगी. दूसरा उन्होंने बीटेक कर तो लिया था पर वे पूरे जीवन खुद को कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते इमेजिन नहीं कर पा रही थी. वे समाज के लिए कुछ करने के लिए काफी उत्सुक थीं. ऐसे में उन्होंने सिविल सर्विसेस की राह पकड़ी और एक साल के लिए कोचिंग लेकर पहला अटेम्पट दिया. इस अटेम्पट में वह मेन्स तक पहुंची पर उसके बाद क्लियर नहीं कर पायीं. परिवार और दोस्तों के सपोर्ट से उन्होंने दोबारा कोशिश की और इस बार अपना शत-प्रतिशत देन के बाद भी उन्हें और बुरी हार मिली जब उनका प्री में भी सेलेक्शन नहीं हुआ. इस समय सौम्या घनघोर निराशा से घिर गयी थीं और उन्हें लगने लगा था कि क्या यह क्षेत्र उनके लिए है भी या नहीं. इस बीच परिवार के सपोर्ट से वह फिर उठ खड़ी हुयीं और तीसरे प्रयास में चयनित हो गयीं हालांकि उनके मन मुताबिक आईएएस पद उन्हें इस बार भी नहीं मिला. सौम्या ने आईपीएस सेवा ज्वॉइन कर ली और वहां से एक साल की छुट्टी लेकर फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. इस बार उनकी सालों की मेहनत रंग लायी और उनका चयन हो गया ऑल इंडिया रैंक 30 के साथ. तो कुछ इस प्रकार सौम्या का आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ.
सौम्या की सलाह –
यूपीएससी परीक्षा देने की इच्छा रखने वाले दूसरे कैंडिडेट्स को सौम्या यही सलाह देती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी को एक सफर मानें, जहां आप हर दिन कुछ कदम आगे बढ़ते हैं. यहां मिलने वाले फेलियर आपको परिपक्व बनाते हैं और आपके व्यक्तित्व को निखारते हैं. इन्हें फेलियर न समझकर अनुभव के रूप में लें. जितने भी साल इस परीक्षा को पास करने में लगेंगे उन्हें समय की बर्बादी न मानें क्योंकि यहां आप हर दिन कुछ न कुछ सीखते हैं और इन सालों में निखरते हैं. जब असफलताएं मिलें तो डरकर कदम पीछे न करें बल्कि इनसे सीखें. देखें क्या कमी रह गयी थी, उसे अगली बार न दोहराएं. इस परीक्षा की तैयारी के दौरान बहुत से कैंडिडेट्स को डिप्रेशन घेर लेता है, इससे खुद को बचाएं. अपने आसपास का माहौल ऐसा रखें जो निराशा से भरा न हो. सौम्या के साथ एक पहलू यह भी था कि तीसरे अटेम्पट के बाद उनकी शादी हो गयी थी. आम धारणा है कि लड़कियों को शादी के बाद पढ़ाई करने में दिक्कत आती है पर सौम्या ने इस भ्रम को भी तोड़ा. वे कहती हैं अगर फैमिली सपोर्टिव है तो कोई दिक्कत नहीं आती. यही नहीं शादी के बाद चौथे अटेम्पट में सौम्या ने परीक्षा पास की और टॉपर भी बनीं.
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