Success Story Of IAS Topper Saumya Jha: बिहार की सौम्या झा पढ़ाई में हमेशा से बहुत अच्छी थीं. इसी का परिणाम था कि अपने पहले ही प्रयास में सौम्या ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 58वीं रैंक के साथ टॉप किया और उन्हें आईएएस पद नवाजा गया. इस क्षेत्र में आने के पहले सौम्या ने डॉक्टरी की पढ़ाई की है और वे एमबीबीएस कर चुकी हैं. हालांकि मेडिकल साइंस से ग्रेजुएशन करने के बाद सौम्या ने इसी विषय से पीजी करने के बजाय सिविल सर्विसेस देने की सोची और तैयारी शुरू कर दी. इरादे की पक्की सौम्या ने पहले ही प्रयास में सफलता पाकर यह साबित कर दिया कि उनका फैसला सही था. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में सौम्या ने परीक्षा की तैयारी के विभिन्न विषयों पर बात की. जानते हैं विस्तार से.
मेडिकल स्टूडेंट रही हैं सौम्या –
सौम्या मुख्यतः बिहार की हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई यहीं हुई है. सौम्या के परिवार की बात करें तो उनकी मां भी डॉक्टर हैं और रेलवे में कार्यरत हैं जबकि उनके पिता अपने समय के आईपीएस ऑफिसर हैं. सिविल सेवा के क्षेत्र में आने का विचार सौम्या को अपने पिता के कारण ही आया. हालांकि, यह फैसला वे थोड़ा देर से ले पाईं और उसके पहले वे एमबीबीएस कर चुकी थीं. सौम्या ने अपने पहले ही अटेम्प्ट में पूरी ताकत झोंकने की योजना बनाई थी और बहुत हद तक वे इसमें सफल भी रहीं. पहली ही बार में सौम्या ने न केवल सफलता हासिल की बल्कि वे टॉपर भी बनीं.
सौम्या की सबसे जरूरी एडवाइज –
सौम्या तैयारी के विषय में कोई भी सलाह देने से पहले एक जरूरी बात कहती हैं कि कभी भी किसी दूसरे को देखकर या उसकी स्ट्रेटजी जानकर अपने लिए योजना न बनाएं. वे बहुत साफ शब्दों में कहती हैं कि दूसरों के अनुसार आगे बढ़ेंगे तो कहीं नहीं पहुंचेंगे उल्टा डिप्रेशन में आ जाएंगे. सौम्या कहती हैं कि उनके साथ यही होता था. वे जब टॉपर्स के इंटरव्यू वगैरह देखकर अपने लिए प्लान बनाती थी तो कभी उसे फॉलो नहीं कर पाती थी. नतीजा यह होता था कि वे निराश महसूस करने लगती थी कि योजना के अनुसार चीजें आगे नहीं बढ़ रही. इसी बात से शिक्षा लेकर सौम्या दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि ज्ञान सबसे लें लेकिन उसे कितना और कहां इम्प्लीमेंट करना है यह आपका अपना निर्णय होना चाहिए. अपने लिए खुद प्लानिंग करें और खुद तय करें कि आपको कैसे और कब पढ़ना है. जो दूसरों के लिए काम किया वह आपके लिए कभी काम नहीं करेगा.
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में सौम्या झा ने विस्तार से बात की –
पिछले साल के पेपर से प्रैक्टिस है बहुत जरूरी –
अगली जरूरी बात सौम्या पिछले साल के पेपर्स को मानती हैं. वे कहती हैं कि सिलेबस ठीक से देखना जरूरी है पर केवल सिलेबस देखने से आपको परीक्षा के पैटर्न का अंदाजा नहीं होता इसलिए पिछले साल के पेपर देखकर यह जरूर चेक करें कि उन विषयों से प्रश्न कैसे बनते हैं. यूपीएससी आखिर आप से क्या जानना चाहता है. इसके बाद अगली जरूरी चीज है प्रैक्टिस करना. प्री परीक्षा के लिए वे खासतौर पर पिछले साल के पेपर देखने, खूब मॉक टेस्ट देने और रिवीजन करने पर जोर देती हैं. सौम्या कहती हैं कि नोट्स जितने हो सकें उतने छोटे बनाएं ताकि अंत में समस्या न हो. सौम्या को भी चीजें याद रखने में समस्या होती थी इसलिए वे बहुत ही कंसाइज नोट्स बनाती थी.
आंसर राइटिंग का बेस्ट टाइम –
अगला जरूरी प्रश्न कैंडिडेट्स के दिमाग में आता है आंसर राइटिंग को लेकर. सौम्या कहती हैं कि लोग यह तो बार-बार कहते हैं कि आंसर राइटिंग प्रैक्टिस बहुत जरूरी है पर उसका सही समय नहीं बताते. दरअसल आंसर राइटिंग एकदम शुरू में करना ठीक नहीं न ही तैयारी के अंतिम चरण में पहुंचने का इंतजार करना ठीक है. वे कहती हैं कि जब कुछ आता ही नहीं उस समय कैसे आंसर लिखेंगे और रही अंत की बात तो कोई कैंडिडेट कभी संतुष्ट नहीं होता कि तैयारी हो गई है. इसलिए कुछ टाइम के बाद उत्तर लिखने लगें और उनमें वैल्यू एडिशन जरूर करें, जैसे डेटा, फैक्ट्स वगैरह डालना, डायग्राम, फ्लोचार्ट आदि बनना. इससे अच्छे अंक मिलते हैं. वे आगे कहती हैं कि सभी प्रश्न न भी कर पाएं फिर भी पेपर अटेम्प्ट करना जरूर शुरू कर दें ताकि माहौल से परीचित हो सकें.
आखिर में बस इतना ही कि शुरू में आपका प्रदर्शन अच्छा न हो, आप पेपर ठीक से न कर पाएं, टाइम टेबल के अनुसार चीजें न हो पा रही हों तो भी परेशान न हों, यह सबके साथ होता है और धीरे-धीरे ठीक हो जाता है. कुछ समय में आप टारगेट पूरे करने लगेंगे.
IAS Success Story: पहले ही अटेम्प्ट में 23 साल की नव्या ने पास की UPSC परीक्षा, जानें क्या थी उनकी तैयारी की खास बातें
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