Success Story Of IAS Topper Shakti Avasthy: यूपीएससी सीएसई परीक्षा एक ऐसा एग्जाम माना जाता है जिसका कोई भी राउंड पास करना आसान नहीं होता. कई बार कैंडिडेट पहले राउंड के बाद ही अटक जाते हैं तो कई बार वहां तक भी नहीं पहुंचते. ऐसे में शक्ति अवस्थी जैसे कैंडिडेट्स भी सामने आते हैं जो एक-दो नहीं पूरे तीन बार साक्षात्कार राउंड तक पहुंचते हैं. जाहिर है ऐसे में उन्हें इंटरव्यू का अच्छा अनुभव हो जाता है. अपने पहले ही प्रयास में शक्ति ने इंटरव्यू दिया लेकिन मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना सके. दूसरे साल फिर उन्होंने प्रयास किया और इस साल आईआरएस सेवा के लिए चुने गए. शक्ति ने ज्वॉइन तो कर लिया पर वे संतुष्ट नहीं थे. परिणामस्वरूप उन्होंने फिर अटेम्प्ट दिया और इस बार 154वीं रैंक के साथ सेलेक्ट हुए और उन्हें आईपीएस सेवा एलॉट हुई. शक्ति ने कुल तीन इंटरव्यू दिए और इन्हीं के आधार पर उपजे अनुभव की चर्चा उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में की. जानते हैं विस्तार से.


लखनऊ के हैं शक्ति मोहन -


शक्ति मोहन अवस्थी लखनऊ के रहने वाले हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यही हुईं. इसके बाद वे इंजीनियरिंग करने बिहार चले गए. यहां से बीटेक करने के बाद कुछ कारणों से शक्ति ने सिविल सर्विसेस के क्षेत्र में जाने की योजना बनाई और तैयारी शुरू कर दी. पहली ही बार में अंतिम राउंड तक पहुंचे लेकिन अंततः लिस्ट में नाम नहीं आया. दूसरी बार में आईआरएस बने और तीसरा प्रयास नौकरी में रहते हुए ही दिया. इन तीनों प्रयासों में तीन बार इंटरव्यू देने वाले शक्ति ने शेयर की यह परीक्षा पास करने के खास टिप्स.


आप यहां शक्ति मोहन द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया इंटरव्यू भी देख सकते हैं –



ईमानदारी है सबसे जरूरी –


शक्ति कहते हैं कि इंटरव्यू में सबसे बड़ी बात है आपका ईमानदार रहना यानी कतई ब्लफ न करना. उनके पहले दो प्रयासों की एक बड़ी गलती यह थी कि वे झूठ तो नहीं बोले पर जो उत्तर उन्हें नहीं आते थे उनके लिए भी आंसर देने की कोशिश की. वे कहते हैं कि पूरे इंटरव्यू के दौरान अगर एक बार भी बोर्ड ने आपको ब्लफ करते पकड़ लिया तो समझो आपके अंक गए. यह भी तय मानिये कि वे लोग इतने अनुभवी होते हैं कि एक छोटा सा झूठ भी आसानी से पकड़ लेते हैं.


इससे बेहतर है कि चाहे कितनी भी बार ऐसा करना पड़े लेकिन उत्तर नहीं आता तो न बोलें, जबरदस्ती में कुछ भी बोलने का प्रयास न करें. हंसकर सॉरी बोल दें, वे समझ जाएंगे कि आप भी इंसान हैं और जरूरी नहीं कि आपको सारे उत्तर आते हों.


स्माइल करते हुए माहौल हल्का रखें –


साक्षात्कार के दौरान एक बात का ध्यान रखें कि ये आपकी पर्सनेलिटी का टेस्ट है केवल इंटरव्यू नहीं. इसलिए आपका बोलने का तरीका, आपकी आवाज का टेंपो (जो धीमा होना चाहिए), आपके चेहरे पर सहजता भरी स्माइल सब मैटर करती है. इन सब छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखें. कांफिडेंट होकर अंदर एंट्री करें और वैसे ही अपनी बात भी कहें. बात करते समय हल्की सी स्माइल फेस पर अच्छी लगती है और अपनी बात को मनाने के लिए कभी भी आवाज ऊंची न करें, न ही उनसे बहस करें. अगर किसी बात पर असहमति हो तो यह कहकर बात खत्म कर दें कि सर मैं देखूंगा यहां से जाकर हो सकता है मुझे इस बारे में पूरी जानकारी न हो.


शक्ति की सलाह –


अंत में शक्ति यही कहते हैं कि कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो स्टैंडर्ड होते हैं और बेहतर होगा कि आप इनके उत्तर पहले से तैयार कर लें. हालांकि रटे-रटाये जवाब देना ठीक नहीं रहता. आपके उत्तरों में ईमानदारी तो होनी ही चाहिए साथ ही जवाब ऐसे होने चाहिए जो आपकी पर्सनेलिटी को रिफ्लेक्ट करें. जो बताएं कि आप क्या हो और आपके विचार किसी विषय में क्या हैं. जल्दी-जल्दी न बोलें, कम उत्तर देना पर अच्छे उत्तर देना ज्यादा जरूरी है बजाय इस बात के कि ज्यादा उत्तर दें पर आधे-अधूरे.


एक बात और याद रखें कि यह आपका दिन है और आप आज के हीरो हैं. आज आपके बारे में बात होगी और आपको भी अपनी ही खास बातें करनी हैं. इसलिए नर्वस न हों और पूरे कांफिडेंस के साथ इंटरव्यू देने जाएं.


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