Success Story Of IAS Topper Shiva Aggarwal: यूपीएससी परीक्षा में सफल होने में समय लगना आम बात है और बार-बार असफलता का सामना करना भी. लेकिन इस सफर में मंजिल तक वही पहुंचते हैं जो अपनी गलतियों से सीखते हैं और समय रहते उन्हें दूर करते हैं. जैसे शिवा अग्रवाल का ही उदाहरण ले लें. शिवा ने साल 2018 में सफलता पाने के पहले दो बार असफलता का सामना किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने शांति से बैठकर इस बात पर विचार किया कि आखिर उनकी तैयारियों में कहां क्या कमी है उसके बाद वे कुछ चीजें समझ पाए. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्य में शिवा ने इसी बारे में विस्तार से बात की.
सबसे जरूरी है नोट मेकिंग –
शिवा कहते हैं कि उनके पिछले प्रयासों की एक गलती यह थी कि वे नोट्स नहीं बनाते थे और बिना नोट्स के अंत में रिवीजन करने में समस्या आती है. इस बार उन्होंने इस बात का ध्यान रखा और हर विषय के नोट्स बनाए जिससे एंड में परेशानी न हो. ये नोट्स शिवा ने ऑनलाइन बनाए. वे कहते हैं कि ऑनलाइन नोट्स का अपना फायदा होता है और इनमें कुछ भी घटाना या बढ़ाना आसान होता है. अगर कोई टॉपिक गलती से रिपीट हो जाए तो उसे हटा भी सकते हैं और उस बारे में कुछ नया महत्वपूर्ण मिल जाए तो उसे जोड़ भी सकते हैं.
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में शिवा अग्रवाल ने विस्तार से बात की –
नॉलेज के पीछे न भागें, नॉलेज मैनेजमेंट करना सीखें –
शिवा कहते हैं कि उनके अंदर एक बड़ी कमी थी कि वे नॉलेज इकट्ठी करने को लेकर लालची रवैया अपनाते थे. उन्हें लगता था कि क्या न मिल जाए और क्या न पढ़ लें. दरअसल नॉलेज कलेक्ट करने का तो कोई अंत ही नहीं है. जरूरी है इकट्ठा की नॉलेज को मैनेज करना. वे कहते हैं कि परीक्षा में इतना समय नहीं होता कि आप बहुत लिख सकें या दुनियाभर की नॉलेज एक ढ़ाई सौ शब्द के उत्तर में डाल सकें. इसलिए जो पढ़ा है उसी को बेस्ट तरह से प्रेजेंट करना सीखें और बहुत सी किताबों के पीछे न भागें.
दूसरों से अधिक अंक पाने वाला उत्तर लिखें –
शिवा आगे बताते हैं कि अपने उत्तरों को इनरिच करना सीखें यानी उनमें कुछ ऐसा कंटेंट डालें कि आप अपने साथियों से आधा या एक नंबर अतिरिक्त पा सकें. यह पंचलाइन, कोट, एनिकडोट, डेटा, फैक्ट्स, चार्ट, डायग्राम, एग्जाम्पल वगैरह कुछ भी हो सकता है लेकिन आपके उत्तर में दूसरों के उत्तर से कुछ खास होना चाहिए. यह भी ध्यान रहे कि यह अभ्यास से ही आएगा इसलिए आंसर राइटिंग प्रैक्टिस जरूर करें.
इनोवेशन और एनालिटिकल थिंकिंग –
शिवा कहते हैं कि किताबों में पढ़ा और जैसे का तैसा तो हर कोई लिख लेता है, मजा तो तब आता है जब (जहां स्कोप है) आप उत्तरों में कुछ इनोवेशन करके उन्हें जोरदार बनाते हैं. उनमें कुछ नया कंटेंट डालते हैं. इसी प्रकार अपने अंदर एनालिटिकल थिंकिंग डेवलेप करें. यानी किसी उत्तर के प्रति आपका अपना क्या ओपीनियन है वह लिखें. इससे भी आपको अच्छे अंक मिलने की संभावना बढ़ जाती है. ऐस्से और एथिक्स के पेपर में खासतौर पर इन बातों का ख्याल रखें. उत्तरों की शुरुआत भी जोरदार करें और यह सीखने के लिए टॉपर्स की कॉपी देखें कि वह कैसे आंसर लिखते हैं.
हर पेपर का ऐसेंस्स बनाए रखें –
शिवा कहते हैं कि यूपीएससी सीएसई परीक्षा का हर पेपर अलग होता है और उनके उत्तर लिखते समय यह विविधता आप भी बनाए रखें. उदाहरण के लिए अगर विमेन एम्पावरमेंट पर प्रश्न आता है तो जीएस वन में आया तो उत्तर अलग होना चाहिए, टू में आया तो अलग और ऐस्से में आया तो अलग. हर पेपर में एक ही जैसी चीज लिखकर न आएं और देखें कि हर पेपर की जरूरत क्या है उसे पूरा करते चलें.
अंत में बस इतना ही कि आप किस बैकग्राउंड के हैं, आपकी उम्र क्या है या यह आपका कौन सा अटेम्प्ट है इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आपकी कॉपी चेक करने वाले एग्जामिनर को यह सब नहीं पता होता. इसलिए इन बहानों के पीछे न छिपें. अपने उत्तरों को अच्छा लिखें, एग्जामिनर केवल उन्हीं के आधार पर आपको आंकता है.
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