(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IAS Success Story: पहले प्रयास में प्री परीक्षा भी पास न कर पाने वाली शिवानी ने दूसरे प्रयास में किया टॉप, ऐसे बनीं IAS अधिकारी
शिवानी गोयल ने साल 2017 में अपने दूसरे प्रयास में 15वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा में टॉप किया था. कॉमर्स ग्रेजुएट शिवानी ने शेयर किए परीक्षा पास करने के खास टिप्स.
Success Story Of IAS Topper Shivani Goel: दिल्ली की शिवानी गोयल अपने गोल को लेकर हमेशा से क्लियर थी. वे काफी पहले ही तय कर चुकी थी कि उन्हें यूपीएससी सीएसई परीक्षा देनी है और इसी लिहाज से उन्होंने कॉलेज के दिनों से तैयारी भी आरंभ कर दी थी. शायद इसीलिए अपने दूसरे ही प्रयास में शिवानी ने न केवल एग्जाम क्लियर किया बल्कि 15वीं रैंक के साथ टॉप भी किया. इसी के साथ उन्हें उनका मनचाहा आईएएस पद मिला. बहुत कम उम्र में शिवानी अपने पक्के इरादे और दृढ़ निश्चय के दम पर मंजिल तक पहुंचीं.
यूपीएससी के क्षेत्र में आने के पहले शिवानी ने न्यूनतम शिक्षा ग्रहण करने के रूप में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया है. ग्रेजुएशन पूरा होने के समय उनकी उम्र यूपीएससी परीक्षा देने के लिए कम थी इसलिए उन्होंने एक साल का गैप लिया और जमकर तैयारी की. अंततः साल 2017 में अपने दूसरे प्रयास में शिवानी ने मेरिट लिस्ट में जगह बनाई. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में शिवानी ने खासतौर पर ऐस्से और एथिक्स पेपर में अच्छे अंक पाने के लिए अपने सुझाव दिए. वे मानती हैं कि इन पेपरों में कम मेहनत से अधिक स्कोर पाया जा सकता है इसलिए इन पर विशेष ध्यान दें.
ऐस्से के लिए रखें इन बातों का ध्यान –
शिवानी निबंध के पेपर की तैयारी के विषय में बात करते हुए कहती हैं कि अगर ऐस्से की शुरुआत और एंड प्रभावशाली हों तो एग्जामिनर पर काफी अच्छा असर पड़ता है. इसलिए कुछ एनिकडोट्स, कोट्स, उदाहरण या कहानी वगैरह पहले से तैयार कर लें जो कुछ खास विषयों में प्रयोग किए जा सकते हों. हालांकि मैटीरियल विषय के अनुसार ही प्रयोग होता है लेकिन कुछ कॉमन सामग्री और कुछ कॉमन विषयों की तैयारी पहले से की जा सकती है. आप पिछले साल के पेपर देखकर इस बारे में पता कर सकते हैं.
यही नहीं पिछले सालों के पेपर देखने से एक तो आपका बढ़िया अभ्यास हो जाता है दूसरा आपको पेपर का पैटर्न भी पता चल जाता है.
निबंध के विषय में शिवानी की दूसरी अहम राय यह है कि इसे लिखते वक्त मल्टीडायमेंशनल वे में लिखें. यानी विषय से संबंधित हर छोटे-बड़े पहलू को कवर करें. वे कहती हैं कि एक ही बिंदु की खाल उधेड़ने से बेहतर है कि कई सारे बिंदु लिखे जाएं और यह दर्शाया जाए कि आपको विषय के विभिन्न आयाम पता हैं. यह सब प्रैक्टिस से आएगा और जब प्रैक्टिस करें तो निबंध लिखने के बाद उसे अच्छे आंसर्स से कंपेयर भी करें ताकि आपको आपकी गलतियां पता चल सकें.
यहां देखें शिवानी गोयल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
एथिक्स के लिए इन बातों पर गौर फरमाएं –
अगली जरूरी सलाह शिवानी यह देती हैं कि ऐस्से और एथिक्स दोनों ही पेपरों में जवाब लिखते समय विषय से न भटकें. इस बात का भी ध्यान रखें कि जो पूछा गया है वह बताएं न कि वह जो आपको आता है. अगली जरूरी बात एथिक्स के पेपर के लिए शिवानी सिलेबस को मानती हैं. वे कहती हैं कि यूं तो सिलेबस हर पेपर के लिए बहुत जरूरी होता है पर जहां तक बात एथिक्स की है तो इसे तैयार करने से पहले सिलेबस सामने रखकर बैठें. एक-एक विषय को चेक करते जाएं और देखते चलें कि इसके अंतर्गत किस प्रकार की सामग्री लिखने की जरूरत है. एक ऑफिसर की तरह समाधान की बात करें समस्या की नहीं.
जब कोई बात कहें या अपना पक्ष रखें तो उसके सपोर्ट में भी चीजें लिखें जैसे कोई उदाहरण, रिपोर्ट्स, डेटा, फैक्ट्स इत्यादी. इससे आपकी बात पर बल पड़ता है. इस बात का ध्यान रखें कि ये दोनों पेपर कम मेहनत में आपको अधिक अंक दिला सकते हैं इनमें बस थोड़े से अभ्यास की दरकार होती है. और अंततः इनका स्कोर रैंक सुधारने के काम आता है. इसलिए इन पर विशेष ध्यान दें.
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