IAS Success Story: पहले IIT फिर पहले ही प्रयास में IAS, कैसे तय किया श्रेयांस ने निरंतर सफलताओं का सफर, जानें
श्रेयांस कुमत उन कैंडिडेट्स में से आते हैं जो जिस भी क्षेत्र में हाथ डालते हैं, सफल होकर ही निकलते हैं. जानते हैं IIT से IAS तक का सफर पूरा करने वाले श्रेयांस से उनकी प्रिपरेशन स्ट्रेटजी.
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Success Story Of IAS Topper Shreyans Kumat: श्रेयांस कुमत ने साल 2018 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा न केवल पास की बल्कि ऑल इंडिया रैंक चार के साथ टॉपर भी बनें. जहां अधिकतर कैंडिडेट्स बार-बार एग्जाम देने के बाद भी एक सफलता को तरसते हैं, वहीं कुछ कैंडिडेट श्रेयांस जैसे भी होते हैं जो न केवल पहले प्रयास में चयनित होते हैं बल्कि सिंग्ल डिजिट रैंक भी लाते हैं. श्रेयांस की सफलता देखकर पता चलता है कि उनकी स्ट्रेटजी, प्लानिंग और कड़ी मेहनत कितनी सही दिशा में होगी, जो पहली ही बार में तीनों स्टेजेस पार हो गईं. यही नहीं इसके पहले श्रेयांस बहुत ही प्रेस्टीजियस माने जाने वाले आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन भी कर चुके हैं. कुल मिलाकर श्रेयांस को मेधावी स्टूडेंट्स की श्रेणी में रखना गलत नहीं होगा. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में श्रेयांस ने अपने यूपीएससी सफर के विभिन्न उतार-चढ़ावों के बारे में खुलकर बात की.
बचपन से थे मेधावी –
श्रेयांस बचपन से ही पढ़ने में काफी अच्छे थे. उनके जीवन के एक वाकये से यह बात और पुख्ता होती है. जब वे एलकेजी में थे तो उनके इतने अच्छे नंबर आए कि उन्हें एक क्लास स्किप करने की परमीशन मिल गई. इसी स्टेज पर उन्होंने प्रूफ कर दिया था कि उनका आईक्यू उनकी उमर के बाकी बच्चों से काफी अच्छा है.
जहां तक सिविल सर्विसेस के क्षेत्र में आने की बात है तो श्रेयांस ने हमेशा से यह फील्ड ज्वॉइन करने की योजना नहीं बनाई थी. हालांकि उनके दादाजी चाहते थे कि वे इस फील्ड में जाएं पर किसी प्रकार का दबाव श्रेयांस पर नहीं था. परिणाम यह हुआ कि अपने मन के अनुसार श्रेयांस ने आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन किया और एक बढ़िया कंपनी में दो साल तक नौकरी भी की. इस दौरान ही उन्हें सिविल सेवा का ख्याल आया और नौकरी छोड़ श्रेयांस ने तैयारी आरंभ कर दी. जैसा कि श्रेयांस हमेशा से हर फील्ड में एक्सेल करते आ रहे थे, उन्होंने यह रिकॉर्ड यहां भी बरकरार रखा और पहली ही बार में ऑल इंडिया रैंक चार के साथ टॉपर बनें.
यहां देखें श्रेयांस कुमत द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
सोचा-समझा निर्णय था यूपीएससी सीएसई -
श्रेयांस उन लोगों में से नहीं हैं जो किसी की कही-सुनी बात पर या किसी पेशे का रुतबा देखकर उस ओर मुड़ने का फैसला कर लेते हैं. जॉब के दौरान होने वाली बहुत सी ट्रिप्स में श्रेयांस सरकारी महकमे से जुड़े हर व्यक्ति से मिले. ग्रेड सी कर्मचारी से बात की तो ऑफिसर्स ग्रेड के व्यक्ति से भी. अंततः इस बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ही उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र में आने का मन बनाया.
अगर बात करें तैयारी की तो श्रेयांस ने कोचिंग की मदद नहीं ली और केवल सेल्फ स्टडी से ही परीक्षा पास करने का फैसला लिया और इसे सच करके भी दिखाया. उन्होंने सबसे पहले परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की और दिन-रात तैयारी में जुट गए. उन्होंने जॉब छोड़ी और रोज 8 से 10 घंटे पढ़ने लगे. नियमित पढ़ाई और रिवीज़न पर उन्होंने बहुत जोर दिया. इसके साथ ही खूब मॉक टेस्ट्स दिये. नतीजतन साल 2018 में पहले ही प्रयास में श्रेयांस ने सफलता हासिल की. श्रेयांस ने अपनी फील्ड बदली लेकिन तब जब उनका दिल किया न की किसी प्रकार के दबाव में.
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