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IAS Success Story: एक ही साल में आईआईटी और यूपीएससी परीक्षा क्लियर करने वाली सिमी से जानते हैं उनकी सफलता का मंत्र

सिमी करन ने साल 2019 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा क्लियर की और इसी साल ग्रेजुएशन की डिग्री भी पायी. कैसे पायी उन्होंने दोहरी सफलता, पढ़ें.

Success Story Of IAS Topper Simi Karan: जब बात यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने की आती है तो यह माना जाता है कि सब कुछ छोड़कर अगर दिन-रात भी इसकी तैयारी करें तो कम है. कई बार इस लेवल का डेडिकेशन दिखाने वाले कैंडिडेट भी सफलता का स्वाद नहीं चख पाते. ऐसे में ओडिशा की सिमी करन जैसे कैंडिडेट्स भी सामने आते हैं जो पहले ही प्रयास में ग्रेजुएशन के साथ ही न केवल यूपीएससी सीएसई परीक्षा क्लियर करते हैं बल्कि 33वीं रैंक के साथ टॉप भी करते हैं. ग्रेजुएशन भी ऐसा-वैसा नहीं आईआईटी से इंजीनियरिंग. सिमी की सफलता अचरज में डालती है और बहुत इंस्पायर भी करती है. उनकी जर्नी से साबित होता है कि नामुमकिन लगने वाले गोल्स भी कड़ी मेहनत और सही प्लानिंग से कम समय में अचीव किए जा सकते हैं. जानते हैं सिमी करने के इस सफर के बारे में, जिसके बारे में उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में बात की.

ओडिशा की हैं सिमी –

अगर सिमी के बैकग्राउंड की बात करें तो वे मूलतः ओडिशा की हैं लेकिन उनका पालन-पोषण और शुरुआती पढ़ाई भिलाई में हुई है. सिमी हमेशा से एक अच्छी स्टूडेंट रही हैं और लगभग हर क्लास में उनके अच्छे अंक आते थे. चूंकि सिमी ने हमेशा से यूपीएससी के क्षेत्र में जाने की योजना नहीं बनाई थी इसलिए बारहवीं के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन किया. इसके लिए उन्होंने आईआईटी का एंट्रेंस दिया और सेलेक्ट होकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने लगीं. इसी दौरान इंटर्नशिप के वक्त वे पास के स्लम एरिया में बच्चों को पढ़ाने गईं. यह वो समय था जब उनके मन में किसी ऐसे क्षेत्र को ज्वॉइन करने का विचार आया जिसके माध्यम से अभावग्रस्त लोगों की मदद की जा सके. इस प्रकार सिमी आयी यूपीएससी के क्षेत्र में.

यहां देखें सिमी करन द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -  

 

 

 

ऐसे की शुरुआत -

सिमी कहती हैं, उन्होंने सबसे पहले टॉपर्स के इंटरव्यू देखें और इंटरनेट की सहायता से अपने लिए बुक लिस्ट तैयार की. तैयारी के लिए जो स्टैंडर्ड बुक्स आती हैं सिमी ने उन्हीं का चुनाव किया. इसके साथ ही उन्होंने हमेशा इस बात को ध्यान में रखा कि किताबें सीमित रखकर बार-बार रिवीजन करना है. हालांकि वे परीक्षा की तैयारी के लिए सिलेबस को भी बहुत जरूरी मानती हैं. वे कहती हैं कि यूपीएससी के सिलेबस को छोटे हिस्सों में कनवर्ट कर लें और फिर तैयारी आरंभ करें. इससे आपको सिलेबस बोझ और बड़ा नहीं लगेगा.

प्री के लिए सिमी रिवीजन पर पूरा फोकस रखने की सलाह देती हैं. जो किताबें आपके पास हैं, उन्हें जितनी बार हो सके रिवाइज करें और खुद को टेस्ट करने के लिए मॉक दें. इससे आपको पता चलता है कि कौन से एरियाज में सुधार की जरूरत है.

 

आंसर राइटिंग पर दें भरपूर ध्यान –

सिमी कहती हैं कि चाहे कितनी भी तैयारी कर लें लेकिन बिना आंसर राइटिंग प्रैक्टिस के सारी तैयारी बेकार है. इसलिए जैसे ही आपके पास इतना इनपुट इकट्ठा हो जाए कि आप एक आंसर फ्रेम कर सकें, उसी स्टेज से उत्तर लिखना शुरू कर दें. शुरू में प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा लेकिन इससे घबराएं नहीं क्योंकि इसे बेहतरीन करने के लिए ही आप यह अभ्यास कर रहे हैं.

एक और जरूरी बात सिमी की जर्नी सिखाती है और वह है टाइम मैनेजमेंट. ग्रेजुएशन और यूपीएससी की पढ़ाई साथ में करने के लिए सिमी को बहुत बैलेंस्ड अपरोच लेकर चलना पड़ा. समय निकालना नहीं समय चुराना पड़ा. जैसे क्लासेस के बीच में जब भी समय मिले पढ़ाई करना, पार्टी, फेयरवैल न अटेंड करके केवल अपने गोल पर फोकस करना, ई-नोट्स साथ में कैरी करना ताकी जैसे ही मौका मिले उन्हें दोहराना आदि. इस प्रकार सिमी ने साबित किया कि प्लान और स्ट्रेटजी साफ हो तो कठिन से कठिन गोल भी पाया जा सकता है.

IAS Success Story: पहले IPS और फिर IAS, चार प्रयासों में पूरा किया सौम्या ने UPSC का सफर      

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