Success Story Of IAS Topper Sparsh Gupta: डिसएबिलिटी कुछ नहीं होती यह सिर्फ एक मेंटल बैरियर है जो आप अपने दिमाग में बनाते हैं. यह कहना है साल 2019 बैच के आईएएस स्पर्श गुप्ता का. स्पर्श का जन्म कैटारैक्ट के साथ हुआ था और समय के साथ उनकी दोनों आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई. हालांकि रोशनी जाने से भी स्पर्श की हिम्मत नहीं गई और अपने जीवन की इस सच्चाई को सहर्ष स्वीकार करते हुए वे निरंतर आगे बढ़ते रहे. यही नहीं इस समस्या ने ही उन्हें लाइफ में कुछ रिमार्केबल करने के लिए प्रेरित किया. स्पर्श ने क्लास 12वीं में स्पेशल कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉप किया था. इसके बाद उन्होंने बीए एलएलबी ऑनर्स की डिग्री नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंग्लोर से ली. इसी दौरान उन्होंने प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बनाया और इस बाबत तैयारी शुरू कर दी.


दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में स्पर्श ने यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने के संबंध में कुछ जरूरी जानकारियां शेयर की. इन बातों का ख्याल रखकर बाकी कैंडिडेट भी परीक्षा पास कर सकते हैं.


देखें स्पर्श गुप्ता द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



यूपीएससी का सिलेबस है सफलता की तरफ पहला कदम –


स्पर्श कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यूपीएससी के सिलेबस को भली प्रकार देख लें. वे तो यहां तक कहते हैं कि इसे अपना धर्म ग्रंथ माने और हमेशा पास रखें. जितना अधिक हो सके सिलेबस को देखें और बार-बार देखें. तैयारी शुरू करने से पहले और तैयारी के दौरान आपको एकदम क्लियर होना चाहिए कि परीक्षा में किन हिस्सों से प्रश्न पूछे जाते हैं.


दूसरी जरूरी बात है पिछले साल के प्रश्न-पत्र देखना. इससे आपको पता चलेगा कि आपको पेपर को किस प्रकार अपरोच करना है. जो विषय आप पढ़ रहे हैं, उनसे कैसे प्रश्न बनते हैं.


एनसीईआरटी और न्यूज पेपर्स को दें महत्व –


स्पर्श का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत के लिए एनसीईआरटी की किताबों से बढ़कर कुछ नहीं. यहां से शुरू करें और अपनी बेसिक्स क्लियर करते हुए आगे बढ़ें. इसी प्रकार वे दूसरा जरूरी बिंदु न्यूज पेपर रीडिंग को मानते हैं. उनका कहना है कि पेपर हम सभी हमेशा पढ़ते हैं पर जब परीक्षा की तैयारी के लिए पेपर पढ़ें तो इस बात का ध्यान रखें कि किस टॉपिक से प्रश्न बन सकते हैं और कैसे प्रश्न बन सकते हैं, इसे अपने दिमाग में फ्रेम करते चलें. उनका मानना है कि परीक्षा के विभिन्न पेपरों में पूछे जाने वाले अधिकतर प्रश्नों का आधार न्यूज पेपर में दी कोई न कोई जानकारी ही होती है.


अनप्रिडिक्टेबल है यह एग्जाम –


स्पर्श का अनुभव है कि यह परीक्षा काफी अनप्रिडिक्टेबल है जहां आप पेपर पास करेंगे या नहीं यह आसानी से कहा नहीं जा सकता. कई बार आपको लगता है कि आपका मेन्स का पेपर बहुत अच्छा गया है फिर भी सेलेक्शन नहीं होता और कई बार लगता है कि एग्जाम सही नहीं हुआ फिर भी अंक आ जाते हैं. इसलिए अपनी तरफ से पूरा प्रयास करें लेकिन रिजल्ट की चिंता न करें. स्पर्श यह भी कहते हैं कि इस बात का ध्यान रखें कि तीनों चरणों में से प्री सबसे कठिन होता है क्योंकि लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स यह परीक्षा देते हैं. इसे पास कर लिया मतबल बहुत बड़ी बाधा दूर हुई.


वे आगे बताते हैं कि प्री पास कर लें यानी अगर मेन्स लिखने का मौका मिल जाए तो इसे हाथ से जाने न दें. याद रखें कि आपको बार-बार मेन्स तक पहुंचने का मौका नहीं मिलेगा इसलिए पूरी ताकत लगा दें और परीक्षा के इस चरण को जरूर पास करें.


तीन प्रयासों में मिली सफलता –


साल 2018 में सेलेक्ट होने के पहले स्पर्श ने दो अटेम्पट्स और दिए थे पर उनका मेन्स में सेलेक्शन नहीं हुआ था. वे इसके पीछे की वजह मॉक टेस्ट न दे पाने को मानते हैं. दरअसल उस समय पर वे अपने लिए वांछित खास तरह के मॉक टेस्ट्स का बंदोबस्त नहीं कर पाए थे, जिससे उनकी प्रैक्टिस नहीं हुई थी. तीसरे अटेम्पट के पहले उन्होंने काफी सारे मॉक्स दिए और इसका फायदा भी उन्हें मिला. स्पर्श ने जीएस, ऐस्से, एथिक्स, ऑप्शनल सभी के मॉक टेस्ट दिए और जमकर प्रैक्टिस की. वे मानते हैं कि मेन्स परीक्षा में सफल होने के लिए आंसर राइटिंग प्रैक्टिस की बहुत जरूरत होती है. जितने अच्छे उत्तर लिखेंगे उतने ही अच्छे अंक मिलेंगे. स्पर्श मानते हैं कि पढ़ाई तो हर कोई कर लेता है पर उसे लिखना या कहें भली प्रकार लिखना हर किसी के वश की बात नहीं होती.


स्पर्श की सलाह –


अंत में स्पर्श दूसरे यूपीएससी कैंडिडेट्स को यही सलाह देते हैं कि तीनों ही परीक्षाओं को पास करने के लिए जितने अधिक हो सकें मॉक टेस्ट दें. हालांकि इंटरव्यू के मॉक टेस्ट्स के बारे में स्पर्श का कहना है कि ये ओरिजिनल इंटरव्यू से बहुत अलग होते हैं फिर भी अभ्यास के लिए कुछेक इंटरव्यू देना फायदेमंद होता है. कोई भी परीक्षा देने के बाद कुछ दिन का ब्रेक लें और अगले चरण की तैयारी शुरू कर दें. जब तक सेलेक्शन पक्का न हो जाए तब तक बिलकुल भी समय जाया न करें. नेक्स्ट अटेम्पट की तैयारी जितना जल्दी संभव हो शुरू कर दें. अपने ऊपर विश्वास बनाएं रखें, लगातार प्रयास करें और इसे मैराथन मानें जहां रोज और लगातार कोशिशें करनी हैं. इतना करेंगे तो एक न एक दिन सफल जरूर होंगे.


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