Success Story Of IAS Topper Suyash Chavan: साल 2017 के टॉपर सुयश चव्हाण का एजुकेशनल बैकग्राउंड काफी रिच रहा. जहां कुछ कैंडिडेट पूरे जीवन एक क्षेत्र में सफलता पाने को तरस जाते हैं वहीं सुयश जैसे कैंडिडेट्स भी होते हैं जो एक नहीं दो-दो क्षेत्रों में विजेता बनकर उभरते हैं. बचपन से मेधावी सुयश ने अपने करियर में कई कीर्तिमान स्थापित किए.
सबसे पहले उन्होंने एमबीबीएस परीक्षा का एंट्रेंस निकाला और मेडिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद तुलनात्मक कठिन माने जाने वाले पीजी कोर्स में भी दाखिला लिया और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. सुयश का इतने में भी मन नहीं भरा और उन्होंने यूपीएससी के क्षेत्र में हाथ आजमाने की योजना बनाई और उनके हौसले तो देखिए सुयश पहली ही बार में यहां भी टॉप कर गए. जानते हैं कैसे सुयश ने एक नहीं बार-बार सफलता पायी. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपनी यूपीएससी जर्नी शेयर की.
यहां देखें सुयश चव्हाण द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
विनर्स करते हैं कुछ अलग –
सुयश कहते हैं कि जब आपको किसी फील्ड में दूसरों से कुछ अलग और स्पेशल करना होता है तो आपके कार्य करने का और सोचने का तरीका भी ऑर्डिनेरी नहीं होना चाहिए. विजेता बनने के लिए आपका थॉट प्रॉसेस भी विजेताओं वाला होना चाहिए. जहां तक लोग न पहुंचें या जहां पहुंचकर वे रुक जाएं, आप वहां से और आगे बढ़ें. कहने का तात्पर्य यह है कि आपको एक्स्ट्रा एफर्ट डालने होंगे अगर आप कुछ एक्स्ट्रा पाना चाहते हैं. यह बात पढ़ाई करने के तरीके से लेकर, टाइम-टेबल बनाने तक और आंसर राइटिंग करने तक हर जगह लागू होती है. अगर कोई सामान्य कैंडिडेट उत्तर लिखे और आप उत्तर लिखें तो आपके उत्तर में कुछ खास दिखना चाहिए. इस खास को बनाने के लिए उसमें अतिरिक्त इनपुट डालें. ये इनपुट डायग्राम्स, फ्लो चार्ट्स, डेटा, फैक्ट्स, फिगर्स, टेबल्स, एग्जाम्पल्स, कोट्स, एनिकडोट्स, रिपोर्ट्स, घटना आदि किसी भी फॉर्म में हो सकते हैं.
इनकी तैयारी भी अलग से करें. सुयश कहते हैं दिन खत्म हो जाने के बाद जब आप पढ़ाई से बुरी तरह थक चुके हों तो इस समय का सदुपयोग इन डेटा, फैक्ट्स आदि को रटने में इस्तेमाल करें. इससे एक तो आपको दिमाग नहीं लगाना पड़ता, जो पहले ही बुरी तरह थका हुआ है, दूसरे ये याद भी हो जाते हैं, जिन्हें आप अपने उत्तरों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
सुयश की सलाह –
सुयश कहते हैं कि इस परीक्षा को पास करने में रिवीजन का अहम स्थान है. पढ़ता तो हर कोई है लेकिन उस पढ़े हुए को जो याद रख पाता है और जरूरत के समय इस्तेमाल कर पाता है, वही परीक्षा में सफल होता है. इसलिए रिवीजन जरूर करें और रोज करें. सुयश अंत में रिवीजन करने के फंडे पर विश्वास नहीं करते, वे मानते हैं कि रोज के रोज पिछला पढ़ा दोहराएं और इसके लिए सुबह का समय चुनें, जब आपका दिमाग एकदम फ्रेश होता है. एक रात का पढ़ा जब रिवाइज हो जाए या कहें अच्छे से तैयार हो जाए तब ही आगे बढ़ें.
दूसरा अहम बिंदु सुयश के अनुसार है प्रॉपर प्लानिंग. उनके अनुसार अगर आप एक साल में तैयारी करने की योजना बना रहे हैं तो परीक्षा के प्रारूप को समझने के बाद हर छोटी-बड़ी चीज का टाइम-टेबल बनाएं. इसके बाद टारगेट सेट करें कि इतने समय में यह खत्म करना ही है. इसके दो फायदे होते हैं कि आपसे कोई हिस्सा छूटता नहीं है दूसरा शुरू से प्लान्ड वे में पढ़ने से आप अंत में पैनिक नहीं करते.
अंत में बस इतना ही कि जब परीक्षा की तैयारी आरंभ करें तो अपने बैकग्राउंड को पूरी तरह भूल जाएं. यह परीक्षा एकदम नया सफर है जहां मंजिल तक वही पहुंचेगा जो कीमत चुकाने को तैयार होगा.
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