(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IAS Success Story: तीन बार हुईं असफल पर नहीं रोके स्वाति ने कदम, आखिर बन ही गईं UPSC टॉपर
साल 2019 की टॉपर स्वाति शर्मा का यह चौथा प्रयास था. दिल्ली की स्वाति मानती हैं कि यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए प्रॉपर प्लानिंग और सही स्ट्रेटजी की जरूरत होती है.
Success Story Of IAS Topper Swati Sharma: दिल्ली की स्वाति शर्मा को यूपीएससी परीक्षा में मन का पद पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. उनका यह सफर लंबा रहा पर इस दौरान उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. बजाय इसके बार-बार प्रयास किया और देखा कि कहां कमी है और उसे अगली बार दूर करने का प्रयास किया. स्वाति मानती हैं कि यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए सही प्लानिंग और प्रॉपर स्ट्रेटजी की जरूरत होती है. इसके साथ ही जरूरत होती है खुद को मोटिवेटड रखने की. एक साक्षात्कार में बात करते हुए स्वाति कहती हैं कि यह सफर कई बार बहुत लंबा हो जाता है, कई बार एक, दो या तीन अटेम्पट में भी सफलता नहीं मिलती या मन की रैंक नहीं मिलती. ऐसे में अगर कैंडिडेट खुद से मोटिवेटेड नहीं रहेगा तो कभी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता. इस परीक्षा की तैयारी के लिए कूदने से पहले खुद को अच्छी तरह यह बात समझा लें कि यहां समय भी लगेगा और जीतोड़ मेहनत भी. अगर दोनों के लिए तैयार हों और किसी भी सूरत में गिवअप करने का ख्याल आपके मन में न आए तभी इस विकल्प को चुनें.
तैयारी की शुरुआत –
स्वाति एक इंटरव्यू में आगे कहती हैं कि परीक्षा की तैयारी की शुरुआत सबसे अहम होती है. इसके लिए सही गाइडेंस, सही रिसोर्स और सही स्ट्रेटजी पता होना बहुत जरूरी है. वे कहती हैं कि इस समय में जल्दबाजी न करें. परीक्षा की तैयारी कैसे करनी है, कौन सी किताबें या कहां से नोट्स लेने हैं, यह सब आराम से पता कर लें. ऑनलाइन बहुत सारी जानकारी है वहां से भी चीजें पता कर सकते हैं. इससे आपको स्ट्रेटजी बनाने में भी आसानी होगी. जब सब कुछ पता कर लें, यूपीएससी के सिलेबस के हिसाब से किताबें भी इकट्ठा कर लें, उसके बाद पढ़ाई शुरू करें. भले इस काम में महीना भर लग जाए पर शुरुआत सही होना बहुत जरूरी है. एक बार सही दिशा में गाड़ी निकल गई फिर तो आपको पता ही है आगे क्या करना है.
प्री और मेन्स की तैयारी अलग-अलग –
ऐसे तो इस परीक्षा की तैयारी के विषय में सबकी अपनी राय होती है और स्वाति भी यही कहती हैं कि अपनी स्ट्रेटजी अपने अनुसार बनाएं पर अगर उनकी खुद की बात की जाए तो उन्होंने प्री और मेन्स की तैयारी अलग-अलग की थी. उन्होंने पहले गोल सेट करके तीन महीने या उससे भी कम में प्री का सिलेबस खत्म किया. उसके बाद टेस्ट दिए और देखा कि कहां क्या कमी है, कौन से उत्तर वे नहीं कर पा रही हैं. स्वाति कहती हैं खाली टेस्ट देना ही काफी नहीं बल्कि उनके उत्तरों को भली प्रकार मैच करें और अपनी कमियां देखें. इसके बाद अगले कुछ दिनों में उन्हें भी दूर करें और अगले स्टेप में मेन्स की तैयारी में हाथ डालें.
देखें स्वाति द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
जब मेन्स के लिए पढ़ें तो बस उसी को दिमाग में रखकर तैयारी करें. हां यह जरूर है कि अगर किसी विषय के नोट्स कई जगहों से उठाएं हैं जैसे किसी आंसर के उदाहरण या हिस्ट्री या स्टैट्स तो उन्हें एक ही जगह कंसोलिडेट करते चलें. इससे एंड में रिवीजन में समस्या नहीं आती. स्वाति कहती हैं उन्होंने आंसर राइटिंग सीमित ही की थी पर यह जरूरी है. लिखने का अभ्यास न होने पर पेपर छूट जाता है. कुल चार प्रयासों में से तीसरे में स्वाति का 278वीं रैंक के साथ सेलेक्शन हुआ था पर इस प्रयास में उन्होंने 35 नंबर का पेपर छोड़ा था और इस साल के प्रयास में 25 नंबर का. हालांकि स्वाति इसे गलत मानती हैं, वे कहती हैं भले उत्तर छोटे लिखें पर अधिक से अधिक प्रश्न अटेम्पट करें. समय न हो तो बुलेट प्वॉइंटस लिख दें पर प्रश्नों को छोड़ें न.
स्वाति की सलाह –
स्वाति यही सलाह देती हैं कि पूरे साल या जितना भी आपको तैयारी करनी है करें लेकिन एंड का एक महीना और दस दिन बहुत जरूरी होते हैं. यह समय होता है रिवीजन का. इस समय अगर आपने ठीक से और सब कुछ रिवाइज नहीं किया तो आपकी सारी मेहनत बेकार. इसलिए शुरू से ऐसी प्लानिंग करके चलें कि अंत में रिवीजन का सारा मैटीरियल एक जगह हो और उसे ठीक से रिवाइज किया जा सके.
बात करें साक्षात्कार की तो स्वाति कहती हैं कि कुछ मॉक टेस्ट दें ये हेल्प करते हैं पर एक चीज का ध्यान रखें कि रियल इंटरव्यू इससे बहुत अलग होता है. वहां बस एक बात का ख्याल रहे कि अपने जवाबों के प्रति ईमानदार रहें. बनाकर आंसर न बोलें, वहां पकड़ लिया जाता है. जो आता है वह कहें और जो नहीं आता उसके लिए माफी मांग लें. कांफिडेंट रहें और अपना बेस्ट देने की कोशिश करें पर अगर एक उत्तर नहीं आता तो दूसरा उसकी चिंता में खराब न करें, उसे वहीं छोड़कर आगे बढ़ जाएं. इस प्रकार सही दिशा में तैयारी करेंगे और जमकर मेहनत करेंगे तो भले देर से लेकिन सफल जरूर होंगे.
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