IAS Success Story: दूसरे ही प्रयास में एक छोटे से गांव की तपस्या बनीं IAS ऑफिसर, ऐसे पहुंची मंजिल तक
मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव की तपस्या परिहार ने अपने दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 23 के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा में टॉप किया था. कैसे तय किया उन्होंने यह सफर, पढ़ें यहां.
Success Story Of IAS Topper Tapasya Parihar: एमपी के जिले नरसिंहपुर की तपस्या की यूपीएससी जर्नी बहुत ही खास है. वे उन कैंडिडेट्स के लिए एक बड़ा उदाहरण हैं जो सोचते हैं कि इस एग्जाम को क्लियर करने के लिए आपका बैकग्राउंड अच्छा होना चाहिए. आपकी शुरुआती शिक्षा किसी बहुत अच्छे स्कूल से होनी चाहिए वगैरह. हालांकि साल 2017 की टॉपर तपस्या इन सब सवालों का चलता-फिरता जवाब हैं. उनके परिवार ने कभी तपस्या को पढ़ाने में कसर नहीं छोड़ी लेकिन वे उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं के बीच ही पढ़ीं और एक लॉ ग्रेजुएट से आईएएस ऑफिसर बनीं. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में तपस्या ने विभिन्न मुद्दों पर बात की.
तपस्या की शुरुआती शिक्षा –
तपस्या बचपन से पढ़ाई में अच्छी थी और छोटी उम्र से ही उनके लगभग हर क्लास में अच्छे नंबर आते थे. यह सिलसिला यूं ही चलता रहा और दसवीं और बारहवीं में तपस्या ने अपने स्कूल में टॉप किया. उनकी स्कूलिंग नरसिंहपुर के सेंट्रल स्कूल से हुई है. चूंकि वे पढ़ाई में अच्छी थी इसलिए उन्हें और उनके परिवार दोनों को लगता था कि तपस्या को यूपीएससी परीक्षा देनी चाहिए. इसी इरादे के साथ तपस्या ने ग्रेजुएशन पूरा किया और यूपीएससी सीएसई की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं. तपस्या का ग्रेजुएशन सोसाइटीज़ लॉ कॉलेज, पुणे से हुआ है. अपने टारगेट को लेकर क्लियर तपस्या काफी पहले से इस परीक्षा के लिए प्रिपेयर करने लगी थीं पर फुल-फ्लेज्ड तैयारी उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद आरंभ की.
यहां देखें तपस्या परिहार द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
कोचिंग का अनुभव –
तपस्या ने ग्रेजुएशन के बाद एक साल कोचिंग ली थी पर इसके अनुभव के आधार पर वे कहती हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए सेल्फ स्टडी की ज्यादा अहम भूमिका है. कोचिंग आपको गाइड कर सकती है लेकिन मंजिल तक आपको अपनी मेहनत से ही पहुंचना होगा. इसके लिए केवल खुद की मेहनत पर भरोसा करें.
पहले प्रयास में तपस्या का प्री में भी सेलेक्शन नहीं हुआ. इसी बीच उन्होंने कोचिंग छोड़ दी और केवल खुद से पढ़ाई शुरू की. इस पूरे सफर में वे करीब ढ़ाई साल दिल्ली में रही और दूसरे प्रयास में न केवल सेलेक्ट हुईं बल्कि 23वीं रैंक के साथ टॉपर भी बनीं.
ऐसे करें तैयारी –
तपस्या कहती हैं कि अगर परीक्षा के पहले चरण यानी प्री की बात करें तो इसके लिए सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबें खत्म करें और फिर रिफरेंस बुक्स पर आएं. सबसे जरूरी इस परीक्षा के लिए है मॉक टेस्ट देना. तपस्या मानती हैं कि टेस्ट देने के लिए पूरा सिलेबस खत्म होने का इंतजार न करें और थोड़ा हिस्सा पूरा होने के बाद ही टेस्ट देने लगें. दूसरी जरूरी बात कि टेस्ट देने का कोई फायदा नहीं होगा अगर आप उत्तरों को एनालाइज नहीं करेंगे. इसलिए आंसर लिखने के बाद देखें कि कहां गलती कर रहे हैं और उन्हें समय रहते सुधारें.
इसी प्रकार मेन्स परीक्षा के लिए आंसर राइटिंग प्रैक्टिस और रिवीजन पर जोर दें. रिवीजन के लिए पिछले सालों के पेपर उठाएं और देखें कि यूपीएससी कैसे प्रश्न पूछता है. उनके अनुसार टेस्ट सीरीज के अलावा पिछले साल के पेपर एक बढ़िया माध्यम है परीक्षा को समझने के लिए. इसलिए इन्हें भी लगातार देखते रहें.
अंत में तपस्या यही कहती हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए सबसे जरूरी है कड़ी मेहनत, जिसका कोई विकल्प नहीं. सही गाइडेंस लेने के बाद अपने लिए किताबें इकट्ठी करें और टाइम-टेबल बनाकर जुट जाएं तैयारियों में. जमकर प्रैक्टिस टेस्ट दें और उनके आंसर्स एनालाइज करें. कहीं फंसे तो इंटरनेट की मदद लें और टॉपर्स के इंटरव्यू भी देखें जहां से आप मोटिवेशन के साथ ही सही मार्गदर्शन भी पा सकते हैं.
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