IAS Success Story: शादी और नौकरी की जिम्मेदारी के बीच तृप्ति बनीं IAS ऑफिसर, चौथे प्रयास में पूरा किया सफर
तृप्ति धोड़मिसे ने साल 2018 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 16 के साथ टॉप किया था. यह उनका चौथा प्रयास था, जिसे देने के पहले तृप्ति पूरी तरह हार मान चुकी थी. फिर कैसे पायी उन्होंने यह सफलता, जानें.
Success Story Of IAS Topper Trupti Ankush: महाराष्ट्र की तृप्ति अंकुश धोड़मिसे की यूपीएससी जर्नी कई मायने में खास है. पहले तो विवाहित होने के कारण उनके ऊपर जिम्मेदारी तुलनात्मक रूप से ज्यादा थी, दूसरा उन्होंने इन प्रयासों के दौरान कभी नौकरी नहीं छोड़ी. हालांकि दोहरी जिम्मेदारी के बीच जब तृप्ति ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा देने का मन बनाया तो यह सफर आसानी से नहीं कटा. शुरू में उन्हें बार-बार असफलता हासिल हुई और एक समय तो ऐसा आया की निराश होकर तृप्ति ने यह क्षेत्र छोड़कर जाने का फैसला कर लिया था. ऐसे में उनके पति ने उनका खोया कांफिडेंस वापस लौटाने में मदद की और चौथे प्रयास में तृप्ति ने 16वीं रैंक के साथ टॉप किया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में तृप्ति ने अपनी जर्नी के बारे में विस्तार से बात की.
महाराष्ट्र सिविल सर्विसेस में हुआ चयन –
तृप्ति ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास करने के पहले महाराष्ट्र सिविल सर्विसेस परीक्षा भी पास की है. इस सेवा में तृप्ति का सेलेक्शन दूसरे अटेम्प्ट में हुआ और रैंक के अनुसार उन्हें जीएसटी डिपार्टमेंट में नौकरी मिल गई. इसके पहले भी इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन करके तृप्ति एक कंपनी में जॉब कर रही थी. साल 2010 में ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद से तृप्ति लगातार कहीं न कहीं काम करती रही. इसके अलावा वे नौकरी के साथ किसी न किसी परीक्षा की तैयारी भी करती रही. दरअसल अपनी पहली नौकरी के दौरान ही तृप्ति को यह लगा कि उनकी क्षमताएं इससे कहीं ज्यादा हैं और जीवन भर वे इस नौकरी में समय नहीं बिता सकती. इस ख्याल के साथ उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी आरंभ की और साथ में एमपीपीएससी एग्जाम भी दिया. यहां उनका चयन दूसरे प्रयास में हो गया.
यहां देखें तृप्ति धोड़मिसे द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
तृप्ति की सलाह –
तृप्ति कहती हैं की यह बात सच है कि यूपीएससी परीक्षा क्रैक करना आसान नहीं होता पर ऐसा भी नहीं है कि इसे क्रैक ही नहीं किया जा सकता. उनके मुताबिक सबकुछ आपके दिमाग और आपकी सोच पर आधारित होता है. अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं तो आप सच में कर लेंगे और अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते तो नहीं कर पाएंगे. दोनों ही तरह से आप एकदम सही हैं. अपना उदाहरण देते हुए तृप्ति कहती हैं कि साल 2016 में इंटरव्यू राउंड तक पहुंचने के बाद भी सेलेक्शन न होने से वे इतना डिप्रेस्ड थी कि अगले साल प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पायी और इसके पीछे कारण तैयारी न होना नहीं था बल्कि कांफिडेंस की कमी थी. इसलिए सही प्लानिंग और सही स्ट्रेटजी तो इस परीक्षा को पास करने के लिए जरूरी है ही साथ ही जरूरी है खुद पर विश्वास. भरोसा करें खुद पर तभी सफलता मिलेगी. ये समझ लें कि आपकी सफलता या असफलता दोनों आपके ही हाथ में है. आप जैसा सोचेंगे वैसा ही होगा. इसलिए सही दिशा में आगे बढ़ें और खुद पर विश्वास जरूर रखें.
IAS Success Story: चार बार हुईं असफल पर थमने न दी रफ्तार, पांचवीं बार में रुचि ने कर ली UPSC परीक्षा पासEducation Loan Information:
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