Success Story Of IAS Topper Vikram Singh: विक्रम सिंह की यूपीएससी जर्नी काफी लंबी रही. वे एक-दो बार नहीं पूरे चार बार इस परीक्षा के किसी न किसी चरण में फेल हुए लेकिन इन सालों में उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी. वे बार-बार गिरते लेकिन फिर उठते और दोगुनी लग्न से अगले प्रयास के लिए तैयारी आरंभ कर देते. अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2019 में अपने पांचवें प्रयास में विक्रम ने यूपीएससी परीक्षा पास की. विक्रम की जर्नी की खास बात थी उनका ऑप्शनल साइकोलॉजी था जो तुलनात्मक रूप से काफी कम स्टूडेंट्स सेलेक्ट करते हैं. लेकिन विक्रम ने न केवल यह विषय सेलेक्ट किया बल्कि इसी विषय से परीक्षा पास करके भी दिखाई. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में विक्रम ने साइकोलॉजी ऑप्शनल के विषय में विस्तार से बात की.


इंजीनियरिंग कर चुके हैं विक्रम –


विक्रम का यूपीएससी के क्षेत्र में जाना बहुत समय से तय नहीं था. शायद इसीलिए उन्होंने पहले इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और फिर पोस्टग्रेजुशन किया. इसके बाद कुछ कारणों से उन्होंने यूपीएससी की तरफ रुख किया और दिन-रात तैयारियों में जुट गए. यूपीएससी में सेलेक्ट होने के पहले विक्रम ने बीटेक और एमटेक दोनों किया है.


अपनी तरफ से कोई कसर न छोड़ने के बावजूद विक्रम को बार-बार यूपीएससी परीक्षा में असफलता मिल रही थी. उन्होंने साल 2019 में सफल होने के पहले चार अटेम्प्ट्स दिए लेकिन किसी में उनका सेलेक्शन नहीं हुआ. दो बार तो वे इंटरव्यू राउंड तक पहुंचकर रह गए लेकिन विक्रम ने हार नहीं मानी. अंततः उनकी सालों की मेहनत रंग लाई और पांचवीं बार में उनका चयन हो गया.



एनसीईआरटी हैं जरूरी –


यूपीएससी के दूसरे कैंडिडेट्स की तरह विक्रम भी सबसे पहले एनसीईआरटी कि किताबें पढ़ने पर जोर देते हैं. वे कहते हैं कि इन्हें सबसे पहले और ठीक से पढ़ें जो आगे बहुत काम आएंगी. जहां तक इन किताबों से नोट्स बनाने की बात है तो विक्रम का मानना है कि ये पहले ही इतनी कंसाइज होती हैं कि आपको नोट्स बनाने की जरूरत नहीं पड़ती. इनके महत्व पर बात करते हुए विक्रम यहां तक कहते हैं कि अगर आप पिछले सालों के पेपर उठाकर देखेंगे तो पाएंगे कि एनसीईआरटी की किताबों में जो बॉक्स दिए होते हैं उनसे प्रश्न आते ही आते हैं. इसलिए सबसे पहले इन्हें अच्छे से प्रिपेयर करें.


नोट्स बनाना है अहम –


विक्रम कहते हैं कि साइकोलॉजी ऑप्शनल की तैयारी के समय नोट्स बनाते चलें. इससे अंत में रिवीजन में बहुत सहायता मिलती है. वरना कोर्स इतना विस्तृत होता है कि आप अंत में रिवाइज करने बैठेंगे तो नहीं कर पाएंगे. हर विषय के छोटे-छोटे और अलग नोट्स बनाएं, इनसे बहुत मदद मिलती है.


वे आगे कहते हैं कि इस ऑप्शनल की तैयारी में ग्रुप स्टडी बहुत काम आती है. विक्रम अपना उदारहण देते हुए कहते हैं कि वे कैसे अपने एक दोस्त के साथ बैठकर पढ़ते थे और दोनों विभिन्न विषयों पर अपने नोट्स शेयर करते थे. ऐसे में वे दोनों एक-दूसरे के नोट्स की काम की बातें कॉपी कर लेते थे, जिससे उत्तर और प्रभावशाली बन जाता था. इसलिए आपके अलावा जो और कैंडिडेट्स इस ऑप्शनल को पढ़ रहे हों, उनके साथ मेल-मिलाप जरूर करें.


विक्रम की सलाह –


विक्रम कहते हैं कि इस विषय में अपने उत्तरों में वजन डालने के लिए एग्जाम्पल्स का बहुत महत्व है. इसके साथ ही अगर एग्जाम्पल रियल लाइफ का हो तो कहना ही क्या. आपके उदाहरण जितना ज्यादा आसपास की जिंदगी से होंगे और सच्चे होंगे उतना ही आपको अच्छे अंक मिलते हैं. अपने उत्तरों में ओरिजनेलिटी मेंटेन रखें और यहां-वहां से कुछ भी कॉपी न करें.


अंत में बस इतना ही कि इस परीक्षा में सफल होने के लिए अनुशासन का बहुत महत्व है. चाहे कितने भी साल लग जाएं पर अपने रास्ते से कभी न भटकें और प्रयास करते रहें. आंसर राइटिंग भी जमकर करें यही परीक्षा में सफलता का मूल मंत्र है. बार-बार असफल होने पर हार न मानें क्योंकि इस परीक्षा का नेचर ही ऐसा है जहां आसानी से कुछ नहीं मिलता. लेकिन सच्चे प्रयास से आप एक न एक दिन मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे.


IAS Success Story: दो साल के बच्चे और फुल टाइम जॉब के साथ बुशरा ने बिना कोचिंग के कैसे पास की UPSC परीक्षा, पढ़ें

Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI