Success Story Of IAS Topper Vishal Shah: अरुणालचल प्रदेश के विशाल शाह उन कैंडिडेट्स में से हैं जो यह साबित करते हैं कि सुविधाओं या अभावों से कुछ नहीं होता, जो अपने लक्ष्य के प्रति डेटेरमाइंड होता है वह कैसे भी माहौल में सफल हो सकता है. विजेता चीजों का रोना नहीं रोते बल्कि जो भी स्थिति आती है उसका डटकर सामना करते हैं और हर कंडीशन में सफल होकर ही निकलते हैं. ऐसा ही उदाहरण पेश करते हैं अरुणाचल प्रदेश के विशाल शाह. अरुणाचल प्रदेश में भी विशाल जहां रहते थे वह एक छोटा सा गांव था जहां न के बराबर सुविधाएं थी पर विशाल का मानना है कि सफल होने के लिए नजर इस बात पर नहीं रखनी चाहिए कि आपके पास क्या नहीं है बल्कि इस पर केंद्रित रखें कि क्या है और उसका कैसे बेस्ट इस्तेमाल किया जा सकता है. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में विशाल ने शेयर किए यूपीएससी परीक्षा को पास करने के टिप्स.


पिछले साल के प्रश्न-पत्रों से मिली मदद –


साक्षात्कार में बात करते हुए विशाल कहते हैं कि पहले कदम पर उन्होंने पिछले साल के प्रश्न-पत्र उठाकर देखे थे. इनके माध्यम से वे यह जानना चाहते थे कि परीक्षा पैटर्न क्या होता है और एग्जाम में किस प्रकार के प्रश्न आते हैं. विशाल इन्हें तैयारी के लिए बहुत जरूरी मानते हैं.


अगला जरूरी स्टेप है सिलेबस देखना. सिलेबस देखकर आपको पता होता है कि क्या तैयार करना है और उसके लिए किस प्रकार की किताबें अरेंज करनी  हैं. सिलेबस और पिछले साल के प्रश्न-पत्र एक अच्छा जरिया हैं जिनके माध्यम से कैंडिडेट अपनी तैयारी की शुरुआत कर सकते हैं. दरअसल किसी भी रास्ते पर आगे बढ़ने से पहले उसके बारे में ठीक से जानकारी होना बहुत जरूरी है. मानकर चलिए कि यह दोनों काम लास्ट ईयर पेपर्स और सिलेबस करते हैं.


देखें विशाल शाह द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



टॉपर्स के इंटरव्यू से भी ली मदद –


पहले दो कदम चलने के बाद विशाल ने तीसरा जरूरी काम किया टॉपर्स के इंटरव्यू देखना. यानी उन्हें पता था कि किस रास्ते जाना है पर उस रास्ते पर कैसे जाना है यह टॉपर्स के इंटरव्यू ने उन्हें गाइड किया. इन वीडियोज की मदद से ही उन्होंने अपने लिए बुक लिस्ट आदि भी तैयार की. चूंकि विशाल के पास और कोई गाइडेंस नहीं था इसलिए उन्होंने जहां से भी संभव हो सका ज्ञान बटोरने की कोशिश की. इसका सबसे अच्छा जरिया उन्हें लगा टॉपर्स यानी वे जो पहले यह परीक्षा दे चुके हैं और सफल भी हो चुके हैं उनकी मदद लेना. इस प्रकार विशाल की गाड़ी आगे बढ़ी.


ऑप्शनल को लेकर रहें सजग –


विशाल कहते हैं कि जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि इस परीक्षा के लिए ऑप्शनल विषय का कितना महत्व है इसलिए इसके चुनाव को लेकर सजग रहें. उन्होंने भी अपने समय पर तीन ऑप्शनल विषयों पर विचार किया था, लॉ, एंथ्रोपोलॉजी और सोशियोलॉजी. लेकिन किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले उन्होंने तीनों को अच्छे से खंगाला और तीनों के प्लस और माइनस देखें. इसके बाद अंत में सब समझने के बाद सोशियोलॉजी का चुनाव किया.


विशाल का चुनाव कितना सोचा-समझा निर्णय था यह प्रूफ करता है उनका रिजल्ट. दरअसल साल 2018 में जब विशाल ने यूपीएससी परीक्षा पास की थी उसी साल उन्होंने अपने ऑप्शनल यानी सोशियोलॉजी में ऑल इंडिया में हाइऐस्ट मार्क्स पाए थे यानी सबसे ज्यादा स्कोर किया था.


विशाल की सलाह –


विशाल अपने केस में दोस्तों को बहुत अहम मानते हैं. वे कहते हैं कि उन्हें अपने जीवन में दोस्तों की बहुत मदद मिली जिन्होंने उन्हें न केवल कदम-कदम पर गाइड किया बल्कि जब भी वे डिमोटिवेटेड होते थे तब भी वे उन्हें संभालते थे. विशाल उन्हें बार-बार धन्यवाद देते हैं. वे कहते हैं कि अपने दोस्तों को फीडबैक देने के लिए कहें और उनके फीडबैक पर गौर फरमाएं. अपनी गलतियां कई बार इंसान को नहीं दिखती पर दूसरा उन्हें आसानी से देख लेता है. विशाल तो आंसर भी लिखकर उन्हें अपने यूपीएससी की ही तैयारी कर रहे फ्रेंड्स से जंचवाते थे और उनका फीडबैक लेते थे. खुद को समय-समय पर टेस्ट करने का यह बढ़िया तराकी है क्योंकि विशाल ने कभी कोचिंग आदि नहीं ज्वॉइन की.


अंत में विशाल यही कहते हैं कि अपनी कमियों पर काम करिए, दूसरों से जानिए कि आपको कहां सुधार की जरूरत है और जो नहीं है उसका रोना रोने के बजाय जो है उसे ही काफी मानकर आगे बढ़िये. विशाल को भी अपने गांव में केवल इंटरनेट का सहारा था जहां से वे हर प्रकार की मदद लेते थे. टेस्ट सीरीज तक विशाल ने बाजार से खरीदकर हल की उन्हें भी देने के लिए कोई कोचिंग ज्वॉइन नहीं की. विशाल की कहानी हमें बताती हैं कि अगर इरादा पक्का हो तो कोई परेशानी आपका रास्ता नहीं रोक सकती.


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