Success Story of Divyang Rajat: हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा छात्र जो अपने दोनों हाथों से दिव्यांग होते हुए भी नीट-2019 की परीक्षा उत्तीर्ण किया. ये छात्र कभी भी किसी भी परीक्षा में अपने लिए कोई राइटर नहीं लिया है. आज हम आपको ऐसे ही एक प्रतिभावान छात्र से अवगत करवाने जा रहे हैं.


यदि मजबूत हों इरादे और दृढ हो इच्छाशक्ति तो...


कहा जाता है कि मजबूत इच्छाशक्ति के बलबूते कुछ भी हासिल किया जा सकता है और इसी इच्छाशक्ति के बलबूते हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के रहने वाले रजत कुमार ने यह कारनामा करके दिखा भी दिया है जो कि दूसरे दिव्यांग छात्रों के लिए एक मिसाल है. रजत के दोनों हाथ नहीं हैं फिर भी उन्होंने 2019 की राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा को 150 अंकों के साथ क्रैक किया. रजत कुमार ने नीट परीक्षा में दिव्यांग कोटे के अंतर्गत 14वीं रैंक प्राप्त किया है. रजत कुमार बचपन से पढ़ने-लिखने में बहुत तेज थे. रजत कुमार पढ़ने-लिखने के अपने सभी कार्य मुँह और पैर के द्वारा बिना किसी की मदद से करते हैं. रजत ने अपने मजबूत इरादों को उसी समय प्रदर्शित कर दिया था कि जब उन्होंने हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा आयोजित हाईस्कूल की परीक्षा में 700 में से 613 अंक, जबकि इसी बोर्ड द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट की परीक्षा में विज्ञान वर्ग में 500 में से 404 अंक हासिल किया था.


दिव्यांगता भी हारी रजत से


रजत पढ़ाई के साथ ही साथ बेहतरीन चित्रकारी भी करते हैं. रजत अपनी चित्रकारी मुँह से पेटिंग ब्रश पकड़कर ही करते हैं. स्कूल की प्रत्येक पेंटिंग प्रतियोगिता में विनर रजत कुमार ही रहा करते थे. अपने बेटे की इस सफलता पर उनके शिक्षक पिता जयराम और गृहणी माता दिनेश कुमारी बेहद प्रसन्न हैं.


बचपन में इस कारण रजत ने गवांये थे अपने दोनों हाथ


इस दुर्घटना के बारे में उनके माता-पिता बताते हैं कि रजत जब चौथी कक्षा में पढ़ रहे थे तब उनके साथ यह दुर्घटना हुई थी. वे बताते हैं कि एक दिन जब रजत अपने पैतृक घर के आँगन में खेल रहे थे उसी समय घर के ऊपर से गयी एचटी लाइन से उसे करंट लग गया था. इससे उसके दोनों हाथ कटाने पड़े थे. वे बताते हैं कि उनके साथ इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बावजूद भी रजत ने कभी अपनी हिम्मत नहीं हारी. इसी का परिणाम है कि अपनी मेहनत के बल पर रजत आज इस परीक्षा को क्रैक कर दिये.


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