Success Story: कम उम्र में पिता को खोया, बच्चों को पढ़ाने के लिए लेना पड़ा सिनेमा हॉल, जानें नीतू सिंह की सफलता की कहानी
Success Story: नीतू सिंह ने बचपन में पिता को खो दिया था. समाज के लोगों ने उनकी मां को बेटियों को गर्ल्स स्कूल में पढ़ाने की सलाह दी, लेकिन उनकी मां को उन पर भरोसा था.
Success Story of Teacher Neetu Singh: बेहद कम उम्र में पिता को खोया. समाज के लोगों ने केवल उद्देश्य दिए. लोगों ने बेटियों को अच्छे स्कूल की जगह गर्ल्स स्कूल में पढ़ाने के लिए मां से कहा. लेकिन मां को भरोसा था कि बेटी एक दिन कुछ बड़ा कर के दिखाएगी. इसलिए मां ने बेटी को अच्छी शिक्षा देने में कोई कोताही नहीं की और आगे चलकर बेटी ने परिवार का नाम रोशन किया. ये कहानी है फेमस इंग्लिश टीचर नीतू सिंह की, जिनके आज लाखों की संख्या में सब्सक्राइबर हैं.
नीतू सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है. वह झारखंड से ताल्लुक रखती हैं. नीतू सिंह लॉ करने के बाद कोर्ट जाना शुरू किया. लेकिन वहां अच्छे रुपये नहीं मिलते थे जिसके बाद उन्होंने ट्यूशन पढ़ाने का फैसला लिया. शुरुआत में ट्यूशन पढ़ाने के लिए उन्होंने बसों में धक्के भी खाए. एक इंटरव्यू में नीतू सिंह ने बताया जब वह पढ़ाने के लिए गईं तो उन्होंने देखा कि बच्चे के साथ-साथ उनकी मां भी अंग्रेजी सीखना चाहती हैं. बच्चे की मां ने बताया कि जब कभी वह किटी पार्टी में जाती हैं तो उनका पहनावा देखकर सबको लगता है कि मैं अच्छी इंग्लिश बोलती हूं. लेकिन जब कोई बात करता है तो पूरा मूड खराब हो जाता है.
एक बार में पढ़ाती थीं 3 हजार बच्चे
नीतू सिंह बताती हैं कि एक दिन वह अपने सीनियर के साथ मुखर्जी नगर गईं. जहां उन्होंने देखा कि यहां काफी सारे इंस्टीट्यूट हैं. जिसके बाद उन्हें लगा कि वह भी यहां इंस्टीट्यूट खोल सकती हैं. उनके पहले बैच में केवल चार बच्चे थे. फिर ये कारवां ऐसे ही बढ़ता चला गया और कुछ सालों में एक समय ऐसा आया कि उन्हें एक सिनेमा हॉल तक लेना पड़ा. क्योंकि वह एक समय पर 3 हजार बच्चों को पढ़ाती थीं. कुछ कारणों के चलते साल 2014 में उन्हें अपना पैरामाउंट कोचिंग सेंटर छोड़ना पड़ा.
लाखों में हैं सब्सक्राइबर
लेकिन उसके बाद उन्होंने केडी केंपस शुरू किया. 3 से 4 सालों में वह इस मुकाम तक पहुंच गया कि मुखर्जी आने वाले लोगों की पहली पसंद केडी केंपस बन गया. नीतू सिंह कहती हैं कि यदि आपने स्ट्रगल किया है तो आप कभी हार नहीं मानोगे. लॉकडाउन के दौरान जब कोचिंग सेंटर बंद हुआ तो उन्होंने केडी लाइव की शुरुआत की. जहां उन्होंने एक बार फिर इंग्लिश पढ़ाने की शुरुआत की. आज उनके यूट्यूब चैनल पर 1.71 मिलियन सब्सक्राइबर हैं. वह यूट्यूब से ही महीने के लाखों रुपये कमाती हैं.
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