Success Story Of IAS Topper Shubham Bansal: हर किसी की यूपीएससी जर्नी अलग होती है और सबके अपने उतार-चढ़ाव होते हैं. बात शुभम की करें तो उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वे शॉक में आ गए पर पिछली असफलता का दुख मनाने की जगह उन्होंने फिर से खड़े होने का फैसला किया. अंततः शुभम का धैर्य और कड़ी मेहनत रंग लाई और उनका चयन यूपीएससी सीएसई परीक्षा में हो गया. शुभम को यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली साल 2019 में. आज जानते हैं शुभम से उनके यूपीएससी सफर के बारे में.


पहले प्रयास में पहुंचे इंटरव्यू तक


शुभम रामनगर, नैनीताल के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती शिक्षा यहीं से हुई. इसके बाद शुभम ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू की. इस बीच वे दूसरी परीक्षाएं भी दे रहे थे, जिसके तहत उनका चयन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में भी हुआ. शुभम ने कुछ समय यहां काम किया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में शुभम बताते हैं कि उन्होंने सबसे पहली बार साल 2017 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा दी और इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया. निराश शुभम ने फिर से तैयारी की और उन्हें जीवन का सबसे बड़ा झटका तब लगा जब दूसरे प्रयास में वे प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाए. इस घटना से शुभम अंदर तक हिल गए. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि दूसरे अटेम्पट का सफर इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा.


परिवार और दोस्तों की मदद से फिर उठ खड़े हुए


इस समय शुभम काफी परेशान थे पर अपने परिवार और कुछ क्लोज फ्रेंड्स की मदद से वे फिर उठ खड़े हुए और तीसरे प्रयास की तैयारी शुरू कर दी. शुभम कहते भी हैं कि प्री परीक्षा को कभी लाइकली न लें और यूपीएससी परीक्षा की अस्थिरता को भी समझें. यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है. एक बार सफलता के एकदम करीब पहुंचकर भी आप दोबारा बुरी तरह असफल हो सकते हैं. हालांकि शुभम ने सोचा कि वे अपनी कमियों पर काम करेंगे और किसी भी हाल में अपना सपना पूरा करके रहेंगे.


यहां देखें शुभम बंसल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया इंटरव्यू



शुभम ने अपने सोर्सेस को लिमिटेड किया, खूब सारे टेस्ट दिए, अपनी कमियों को सुधारा और फिर से प्रयास किया. अब की बार शुभम ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा 43वीं रैंक के साथ पास की और टॉपर भी बने.


शुभम की सलाह


शुभम ने कभी कोई क्लासरूम कोचिंग नहीं ली और हमेशा सेल्फ स्टडी ही की. वे कहते हैं कि प्री को लेकर ओवर कांफिडेंट न हों और भले आप बार-बार प्री पास करते आ रहे हों पर पेपर का एनालिसेस करना न भूलें. टेस्ट सीरीज देते रहें ताकि पेपर वाला टेम्परामेंट डेवलेप हो और परीक्षा देते समय हाथ न कांपें, जैसा की शुभम के साथ हुआ था. बिलकुल पेपर वाले माहौल में पेपर दें और उन्हें एनलाइज भी करें. बहुत ज्यादा किताबों के चक्कर में न पड़ें और कम रिसोर्स ही बार-बार रिवाइज करें. अगर टेस्ट पेपर में अच्छा न कर पाएं तो भी निराश न हों और अपनी कमियों को दूर करने पर काम करें.


बहुत से कैंडिडेट्स शुरू में टेस्ट पेपर अच्छा नहीं कर पाते पर बाद में इंप्रूव कर जाते हैं. अपनी हार को कभी भी फाइनल न मानें और निरंतर प्रयास करते रहें. कड़ी मेहनत, धैर्य और लगातार प्रयास से आप सफलता पा सकते हैं. बस कभी भी सेल्फ डाउट को खुद पर हावी न होने दें. सिविल सर्विस एक बड़ा गोल है इसलिए रास्ते में आने वाली मुसीबतों से घबराएं नहीं और आशावादी बने रहें. कंसीसटेंसी बनाए रखें और आगे बढ़ते रहें, आप एक दिन सफल जरूर होंगे.


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