इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल काउंसिल ने कहा है कि इस साल के नवंबर में कोरोना वायरस के संक्रमण का पीक सीजन हो सकता है. ऐसे में ऑफलाइन परीक्षा कैसे करायेंगें? क्या स्टूडेंट्स को दिल्ली बुला सकेंगें? सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी को बताने को कहा कि क्या एमसीक्यू, असाइनमेंट, प्रेजेंटेशन जैसे आदि विकल्प फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध है? अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख तय की है.
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बतादें कि 31 स्टूडेंट्स ने यूजीसी (UGC) के 6 जुलाई के रिवाइज्ड गाइडलाइन्स को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. इन याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स में एक ऐसा स्टूडेंट्स है जो कोरोना से पीड़ित भी है. उसका कहना है कि फाइनल ईयर के अनेक ऐसे स्टूडेंट्स हैं जो खुद कोरोना संक्रमण के शिकार हैं या उनके परिवार का कोई सदस्य कोविड-19 की महामारी से पीड़ित है. ऐसे छात्रों को 30 सितंबर तक परीक्षा में शामिल होने के लिए मजबूर करना अनुच्छेद 21 में दिए अधिकारों का उल्लंघन है.
याचिकाकर्ता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दलील दी है कि जब सीबीएसई और अनेक राज्यों के बोर्डों द्वारा ली जाने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर इनके रिजल्ट घोषित किए जा सकते हैं, तो यूजी पीजी के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के साथ ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता? अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख तय की है.
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