UP Adhoc Teacher Lecturers Recruitment 2020: सुप्रीमकोर्ट कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा में सन 2020 के बाद मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त लगभग 600 टीजीटी एड हॉक शिक्षकों  / लेक्चरर्स की भर्ती को रद्द कर दिया है. भर्ती को रद्द करने के साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह भी आदेश दिया कि वह कॉलेजों में कार्य कर रहे इन 600 टीजीटी एड हॉक शिक्षकों  / लेक्चरर्स को परीक्षा लेकर नियमित रूप से भर्ती करें. साथ में कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि भर्ती से सम्बंधित सभी कवायद अगले एकेडमिक ईयर जुलाई 2021 से पहले पूरी कर ली जाय.


सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा-


मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने सम्बंधित याचिकाओं पर अपना फैसला देते हुए कहा कि तदर्थवाद को यूं ही जारी नहीं रहने दिया जा सकता है क्योंकि इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है. पीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त हुए इन शिक्षकों को ऐज में छूट और वेटेज की देने की भी बात कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि उनकी यह सेवा रिटायर्मेंट के लाभ के लिए भी गिनी जाएगी.




कोर्ट ने किया अपने स्पेशल पॉवर का इस्तेमाल:


यह भी बता दें कि इस मामले में सुप्रीमकोर्ट ने अपने स्पेशल पॉवर का इस्तेमाल करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले को 05 सालों तक कोर्ट में लंबित रहने को लेकर कहा कि भविष्य में ऐसी नौबत न आए इसके लिए यूपी गवर्नमेंट और सेवा आयोग को निर्देश दिया जाता है कि कॉलेजों में रिक्तियों के बारे में एक तय शेड्यूल बनाएं और उसके हिसाब से परीक्षाएं आयोजित की जाएं. कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि आयोग न सिर्फ मौजूदा रिक्तियों को देखे बल्कि भविष्य में पैदा होने वाली रिक्तियों के हिसाब से भी काम करे. इसके लिए दिए गए निर्देशों पर सख्ती से अमल किया जाए.




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