Teacher Pupil Ratio In Indian States: इस बात में कोई शक नहीं कि जब एक टीचर को कम बच्चे पढ़ाने होते हैं तो वह उन पर बेहतर ध्यान दे पाते हैं. अगर एक ही टीचर के ऊपर बड़ी संख्या में बच्चों की जिम्मेदारी आती है तो ये काम उतनी अच्छी तरह पूरा नहीं हो पाता. इंडिविजुअल डिमांड तो कतई पूरा नहीं हो पाती. हालांकि देश के अलग-अलग राज्यों के गवर्नमेंट स्कूलों की बात करें तो ये रेशियो ठीक-ठाक है.


आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं कि टीचर स्टूडेंट रेशियो क्लास के मुताबिक अलग-अलग होता है. जैसे अपर प्राइमरी, प्राइमरी, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी टीचर का रेशियो बच्चों के हिसाब से अलग है. किस राज्य का क्या हाल है जानते हैं.


पहले मोटी जानकारी


अगर अलग-अलग राज्य की बात न करें और एक जनरल सवाल पूछें तो इंडिया में प्राइमरी लेवल पर 26 बच्चों पर एक टीचर, अपर प्राइमरी लेवल पर 19 बच्चों पर एक टीचर, सेकेंडरी लेवल पर 18 स्टूडेंट्स पर एक टीचर और हायर सेकेंडरी लेवल पर 27 स्टूडेंट्स पर एक टीचर का रेशियो सामने आता है.


हम जिस डेटा की बात कर रहे हैं ये पीआईबी ने उपलब्ध कराया था और ये साल 2021-22 का है. इससे हमें राज्यों का औसत हाल पता लगा. अब जानते हैं स्टेट वाइज आंकड़ें. 


अलग-अलग राज्यों का क्या है हाल


अगर क्लास के मुताबिक बात करें तो प्राइमरी लेवल पर टीचर और स्टूडेंट रेशियो इस प्रकार रहा.


बिहार – 53 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


झारखंड – 40 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


यूपी – 34 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


एमपी – 32 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


राजस्थान – 29 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


महाराष्ट्र – 26 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


कर्नाटक – 24 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


तमिलनाडु – 23 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


केरल – 20 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


इस प्रकार प्राइमरी लेवल पर सबसे ज्यादा बोझ बिहार के टीचर उठा रहे हैं, इसके बाद यूपी और एमपी. वहीं साउथ के राज्य कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के टीचर तुलनात्मक मजे में हैं.


अपर प्राइमरी लेवल पर भी कमोबेश स्थितियां ऐसी ही हैं पर प्राइमरी लेवल से बेहतर हैं.


बिहार – 43 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


यूपी – 26 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


एमपी – 24 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


राजस्थान – 23 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


महाराष्ट्र – 20 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


कर्नाटक – 19 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


तमिलनाडु – 18 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


केरल – 16 स्टूडेंट्स प्रति टीचर.


इस प्रकार प्राइमरी और अपर प्राइमरी दोनों ही लेवल पर राज्यों का हाल पहले वाला ही है केवल कुल स्टूडेंट्स का प्रेशर छोटी क्लासेज की तुलना में कम है.


सेकेंडरी लेवल पर भी स्थिति सेम ही है अब देखते हैं हायर सेकेंडरी लेवल का हाल. 


बिहार – 45 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


यूपी – 27 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


एमपी – 25 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


राजस्थान – 24 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


महाराष्ट्र – 22 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


कर्नाटक – 21 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


तमिलनाडु – 20 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


केरल – 18 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


और राज्यों का क्या है हाल



  • पंजाब में ये रेशियो 24 स्टूडेंट प्रति टीचर का है.

  • हिमाचल प्रदेश में 14 स्टूडेंट प्रति टीचर

  • असम में 38 स्टूडेंट्स प्रति टीचर

  • गोवा में 22 स्टूडेंट प्रति टीचर

  • दिल्ली में 30 स्टूडेंट प्रति टीचर

  • उत्तराखंड में 20 स्टूडेंट प्रति टीचर

  • झारखंड में 38 स्टूडेंट्स प्रति टीचर


ये ध्यान दें कि यहां दी गई जानकारी एवरेज है और जिसका कुछ हिस्सा साल 2021-22 के UDISEPlus रिपोर्ट के डेटा के हिसाब से है. इसमें बदलाव संभव है. विस्तार से जानकारी पाने और लेटेस्ट अपडेट्स देखने के लिए आप मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की वेबसाइट चेक कर सकते हैं. 


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