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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
प्रतियोगी परीक्षा में धांधली की तो खैर नहीं! दस साल की सजा के साथ लग सकता है 1 करोड़ तक का जुर्माना
Competitive Exam Fraud: प्रतियोगी परीक्षा में होने वाली धांधली को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया. जानें इसकी खास बातें.
आए दिन होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार समेत विभिन्न राज्यों की सरकारों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली धांधली सिर दर्द बन गई थी. जिसे रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे. लेकिन अब धांधली को रोकने के लिए सख्त एक्शन लिया गया है. लोकसभा में सोमवार को प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए प्रावधान पेश किया गया. जिसमें परीक्षाओं के दौरान अनियमितता से जुड़ा अपराध करने पर व्यक्ति को तीन से लेकर पांच साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगेगा.
यदि प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ा संगठित अपराध होता है तो 10 वर्षों की सजा हो सकती है. साथ ही एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक पेश किया. परीक्षा बिल को अधिक सख्त बनाये जाने के लिए कहा गया है कि एक उच्च स्तरीय तकनीकी कमेटी बनाई जाएगी. जो एग्जाम प्रोसेस पर कंप्यूटर के जरिए निगाह बनाये रखेगी ताकि कोई गड़बड़ी न हो सके. यह कमेटी कानून से जुड़ी कुछ सिफारिशें भी देगी.
गुजरात ने की पहल
सभी राज्यों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में आये दिन धांधली की घटनाएं सुनने में आ रही है. लेकिन गुजरात राज्य ने इस समस्या से निपटने के लिए पहल की. यह राज्य अपना कानून लेकर आया. इसको ध्यान में रखकर सरकार ने केंद्रीय कानून बनाया है क्योंकि ये सभी राज्यों की समस्या बन चुकी है. इसके तहत संयुक्त प्रवेश परीक्षा और विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाएं शामिल रहेंगी.
ये परीक्षाएं होंगी दायरे में
इस कानून के तहत यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी, आईबीपीएस केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों से संबंधित स्टाफ, एनटीए के अलावा केंद्र सरकार से जुड़े प्राधिकरण की प्रतियोगी परीक्षाओं को शामिल किया गया है. बताया जा रहा है कि इस गड़बड़ी में विद्यार्थी से अधिक संगठित अपराध, माफिया और इस धांधली, सांठगांठ में शामिल लोगों को अधिक दोषी माना जाएगा इसलिए विद्यार्थी के बजाय माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
कौन करेगा जांच
बिल में प्रावधान है कि प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ी कोई भी गड़बड़ी मिलने पर उसकी जांच डीएसपी या सहायक पुलिस आयुक्त करेंगे. केंद्र सरकार ये जांच केंद्रीय एजेंसी को सकती है. इस परीक्षा के तहत उम्मीदवार के बदलाव नॉन एथिकल माना जाएगा.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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