इन दो महिलाओं ने भारत में सबसे पहले किया था ग्रेजुएशन, क्या आप जानते हैं इनका नाम
साल था 1883, कोलकाता विश्वविद्यालय से एक खबर आई जिसने पूरे देश में हंगामा मचा दिया. पता चला कि इस साल एक नहीं बल्कि 2 महिलाओं ने कोलकाता विश्वविद्यालय से पहली बार स्नातक की परीक्षा पास की है.
दुनिया भर के लोग भारतीय महिलाओं को पुरुषों से कमतर आंकने की भूल कर बैठते हैं. जबकि इसी देश में महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है. आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, कुछ क्षेत्र में तो महिलाएं पुरुषों से आगे भी नजर आती हैं. यह सब कुछ हो पाया है बेहतर शिक्षा की वजह से. कहा जाता है कि जब एक पुरुष शिक्षा ग्रहण करता है तो वह खुद शिक्षित होता है, लेकिन जब एक महिला शिक्षा ग्रहण करती है तो वह आने वाली पीढ़ियों को भी शिक्षित कर देती है. आज हम आपको ऐसी ही 2 महिलाओं की कहानी बताएंगे जिन्होंने भारतीय इतिहास में सबसे पहले ग्रेजुएशन करके महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वार खोल दिए थे.
सबसे पहले किस भारतीय महिला ने किया था ग्रेजुएशन
साल था 1883, कोलकाता विश्वविद्यालय से एक खबर आई जिसने पूरे देश में हंगामा मचा दिया. पता चला कि इस साल एक नहीं बल्कि 2 महिलाओं ने कोलकाता विश्वविद्यालय से पहली बार स्नातक की परीक्षा पास की है. यह दोनों महिलाएं भारत में ग्रेजुएशन करने वाली पहली महिलाएं थीं. इनमें से एक का नाम था कादंबिनी गांगुली और दूसरी महिला का नाम था चंद्रमुखी बसु.
कादंबिनी गांगुली की बात करें तो उनका जन्म 1861 में बिहार के भागलपुर में हुआ था. कादंबिनी के पिता भागलपुर के ही स्कूल में हेडमास्टर थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्रेजुएशन के बाद कादंबिनी ने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया और सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की पहली महिला फिजीशियन प्रैक्टिशनर भी बनीं. इसके साथ ही वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला स्पीकर भी थीं.
पहले ग्रेजुएट हो सकती थीं चंद्रमुखी बसु
चंद्रमुखी बसु वैसे तो बंगाली थीं, लेकिन वह रहने वाली देहरादून की थीं. उनका जन्म 1860 में हुआ था. चंद्रमुखी बसु ने कदंबिनी गांगुली से पहले ही 1876 में कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी. लेकिन किन्ही कारणों से उन्हें उस वर्ष यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं दिया गया. इसके बाद साल 1878 में उन्होंने फिर से प्रयास किया और कदंबिनी गांगुली के साथ बेथुने कॉलेज में एडमिशन लिया. चंद्रमुखी बसु ने ग्रेजुएशन करने के बाद m.a. में एडमिशन लिया और इस तरह से वह 1884 में भारत ही नहीं, बल्कि पूरे ब्रिटिश साम्राज्य की पहली महिला बनीं जिन्होंने m.a. की परीक्षा पास की थी.
ये भी पढ़ें: तीन घंटे से ज्यादा लगते हैं इस अकेले शब्द को पढ़ने में, ये है वर्ल्ड का सबसे लंबा शब्द
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI