How CBSE Board Papers Are Set: हर साल होने वाली बोर्ड परीक्षा में पूछे जाने वाले सवाल कौन तैयार करता है, कौन पेपर लिखता है और कैसे ये फाइनलाइज होते है? अगर ऐसे ही सवाल आपके मन में भी आते हैं तो आज जानते हैं इनका जवाब. आज हम जानेंगे कि सीबीएसई यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के क्लास दसवीं और बारहवीं के पेपर कैसे बनते हैं. साथ ही ये भी जानते हैं कि बनने के बाद इन्हें सुरक्षित कैसे रखा जाता है.


सबसे पहले चुने जाते हैं सब्जेक्ट एक्सपर्ट


सीबीएसई पेपर बनाने के लिए सबसे पहले 4 से 5 सब्जेक्ट एक्सपर्ट चुनता है. इनमें ज्यादातर स्कूल और कॉलेज के टीचर्स होते हैं. हर प्रश्न-पत्र के तीन वर्जन बनते हैं. ये पेपर कौन बनाता है ये कोई नहीं जानता, इनकी आइडेंटिटी सीक्रेट रखी जाती है. ये एक्सपर्ट पेपर बनाते हैं और एक सील्ड लिफाफे में बोर्ड को भेज देते हैं.


इन पेपरों की होती है जांच


अगले स्टेप में एक हाई-पावर्ड कमेटी इन पेपरों की जांच करती है और ये परखती है कि ये पेपर सीबीएसई के सिलेबस से हैं या नहीं और इनका स्टैंडर्ड बहुत हाई या बहुत लो तो नहीं है. अप्रूवल के बाद ये सीबीएसई को भेज दिए जाते हैं. ये प्रॉसेस हर साल जुलाई-अगस्त में हो जाता है.


सीबीएसई करवाता है प्रिंट


सीबीएसई इन पेपरों को सीक्रेट तरीके से प्रिंट कराता है और इन्हें स्टोरेज के लिए सीबीएसई के रीजनल ऑफिस में भेज दिया जाता है. ये रीजनल ऑफिस इन पेपरों को बैंक भिजवा देते हैं. ये पेपर बैंक की सुरक्षा में रहते हैं और सील्ड रहते हैं.


पेपर वाले दिन खुलती है सील


परीक्षा वाले दिन पेपर एग्जाम सेंटर भिजवाएं जाते हैं और वहीं पर इनकी सील खोली जाती है. ये काम पेपर शुरू होने से कुछ देर पहले ही किया जाता है. उसके बाद छात्रों को पेपर बांट दिए जाते हैं. जो एक्सपर्ट पेपर सेट करते हैं और उन्हें एंड तक नहीं पता होता कि जो पेपर उन्होंने सेट किया था वो फाइनल पेपर में शामिल हुआ भी है या नहीं.


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