Time Management During Exams: नीट से लेकर सीयूईटी तक कुछ ही दिनों में कई बड़ी परीक्षाओं का आयोजन होना है. इस समय तक छात्र अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे होंगे. चूंकि एग्जाम में खास समय नहीं बचा है इसलिए इस वक्त टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी हो जाता है. कई बार छात्र ये शिकायत करते हैं कि पेपर आता है लेकिन समय कम पड़ जाता है या दिन प्लान करने के बावजूद समय मैनेज नहीं कर पाते. अगर आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं तो ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं. ये आपको टाइम मैनेज करना सिखाएंगे. एग्जाम के समय ऐसे अपना टाइम मैनेज करें.


टाइम-टेबल बनाएं


परीक्षा के लिए तैयारी करते वक्त सबसे जरूरी ये हो जाता है कि समय बर्बाद न हो. हर विषय को प्रॉपर टाइम मिले और कुछ भी इंपॉर्टेंट न छूटे. इसके लिए जरूरी है कि आप टाइम टेबल बनाकर तैयारी करें. हर दिन के लिए विषयवार चीजें लिख लें कि किस दिन क्या करना है, कैसा करना है, कितने घंटे किस सब्जेक्ट को देने हैं और दिन खत्म होने पर क्या टारगेट पूरा हो जाना चाहिए.


कठिन काम पहले करें


जो विषय या टॉपिक आपको नहीं आते उन्हें पहले पूरा करें. कई बार दिन अपने तय पैटर्न के हिसाब से चल रहा होता है लेकिन अंत में कुछ कठिन आ जाने पर आप उसे वहीं छोड़ देते हैं कि इसके लिए तो समय ही नहीं बचा. वहीं आसान एरिया बाद में करेंगे तो समय कम भी होगा तो आप ये सोच लेंगे कि इसमें तो बस थोड़ा ही एफर्ट डालना है और उसे अधूरा नहीं छोड़ेंगे.


प्रायॉरिटी तय करें


इसी प्रकार अपनी प्रायॉरिटी तय करें और उसी हिसाब से काम करें. तब भी आपका समय उन चीजों में लगेगा जो जरूरी हैं. अपने काम की लिस्ट बनाएं और प्रायॉरिटी के हिसाब से उसे लिस्ट में ऊपर या नीचे स्थान दें. 


ब्रेक लेने का भी टाइम फिक्स हो


पढ़ाई करने या एग्जाम की तैयारी करने का ये मतलब नहीं होता कि आप ब्रेक न लें या लगातार पढ़ते रहें. जैसे अपनी पढ़ाई और विषय का टाइम टेबल बनाते हैं वैसे ही अपने ब्रेक का भी बनाएं और जरूरत पड़ने पर ब्रेक जरूर लें. इससे आप रिफ्रेश होंगे और जो टाइम लाइन आपने जिस काम के लिए सेट की है वो जरूर पूरी कर पाएंगे. दिमाग को तरोताजा रखना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही डिस्ट्रैक्शंस को खुद से दूर रखें. जो चीजें आपको समय पर काम करने से रोकती हों उन्हें खुद की पहुंच से दूर रखें.


एग्जाम वाले माहौल में मॉक टेस्ट दें


एग्जाम में समय कम पड़ने की समस्या से ऐसे जूझें कि घर में जब प्रैक्टिस पेपर सॉल्व करें तो बिलकुल एग्जाम वाले माहौल में ही सॉल्व करें. टाइमर लगाकर बैठें और जितने घंटे का पेपर हो उसे उतने घंटे में हल करने के बाद ही वहां से उठें. देखें कि कहां और कितना टाइम कम पड़ रहा है. जहां कमी हो उसे समय रहते दूर करें.


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