अगर हम आज के छात्रों की बात करे तो ये बात अच्छी तरीके से समझते है की परीक्षाओं की तैयारी करने में किसी संस्थान से जुड़ने के लिए, उनकी गाइडेंस पाने के लिए फीस भरनी पड़ती है. सबसे पहले छात्र इस सिलसिले में अपने माता पिता से बातचीत करते है और इसका समाधान निकालने का प्रयास भी करते है, गाइडेंस तो छात्र को मिल भी जाता है. मगर वो कॉम्पिटिटिव माहौल छात्र को बिना कोचिंग संस्थानों (Coaching Institutes) के नहीं मिल पाता.


इसलिए ज्यादातर छात्र कोचिंग की सहायता लेते हैं. लेकिन उस गाइडेंस, स्टडी मैटेरियल, कॉम्पिटिटिव (Competitive) माहौल की छात्र को काफी अच्छी खासी कीमत चुकानी पड़ती है. हर छात्र इस कीमत को नहीं जुटा पाते हैं और इसका नकारात्मक असर छात्र की पढ़ाई, स्वास्थ व उनके कैरियर पर पड़ता है. अगर आप भी कॉम्पिटिटिव परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है और इन कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लेना चाहते तो निराश न हो. हमारे सामने आज बहुत से सफल लोग जैसे बिल गेट्स, एलन मस्क आदि के उदाहरण है जिन्होंने अपने जीवन में सफलता सेल्फ स्टडी (Self Study) के आधार पर हासिल की है. इससे हमको पता चलता है की छात्र सेल्फ स्टडी के साथ भी सफलता हासिल कर सकते है.


लक्ष्य बनाकर करें पढ़ाई
सेल्फ स्टडी एक ऐसा आधार साबित हो सकता है जिससे छात्र अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते है. किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए संसाधन इक्कठे करना बेहद आवश्यक है. तो अगर आप सेल्फ स्टडी के माध्यम से परीक्षा की तैयारी करना चाहते है तो सबसे पहले संसाधन जुटाए. अपनी जरूरत के हिसाब से छात्र को किताबें, नोट्स आदि के रिसोर्सेज इकट्ठा कर सकते है. इन रिसोर्सेज के माध्यम से छात्र अपना स्टडी मैटेरियल तैयार कर सकते है. इसके साथ ही छात्र छोटे छोटे लक्ष्य बनाकर स्टडी का शेड्यूल बना सकते है. इन छोटे छोटे लक्ष्यों पर अभ्यास करके अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते है. मजबूत इच्छाशक्ति छात्र को सफलता हासिल करने में मदद करती है.


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