UGC Higher Education Framework: नई शिक्षा नीति (NEP 2022) के तहत नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क में यूजीसी ने बदलाव किया है. यूजीसी ने 5 से 10 वर्ष लेवल को कम से करके 4.5 से आठ लेवल में बदल दिया है. यह फ्रेम वर्क ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी कार्यक्रम तक लागू रहेगा. जिसके लेकर 25 मई को देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति और कॉलेजों के प्रिंसिपलों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित हुई थी. यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार (UGC Chairman Prof. M Jagdish Kumar) ने कहा है कि देशभर की हायर एजुकेशन में अब लर्निंग आउटकम पर आधारित एक समान क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (Framework) होगा.
इस फ्रेमवर्क से छात्रों को लाभ मिलेगा. स्कूलों की तर्ज पर अब उच्च शिक्षा में भी हर साल लॉगिन आउटकम के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा. जिसमें स्किल, नॉलेज टेस्ट के आधार पर मूल्यांकन होगा. इसका उद्देश्य छात्रों में सीखने की क्षमता कितनी है, यह देखना है. इससे रोजगार के भी अवसर मिलेंगे. साथ ही इसको लेकर कुल चार बैठक का आयोजन किया जाएगा. जिससे नीति को लागू करने में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो।
मिलेगी ये सुविधा
यूजीसी के चेयरमैन प्रो. जगदीश ने कहा है कि इस पॉलिसी के बाद ड्यूल डिग्री और ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम करने में दिक्कत नहीं होगी. छात्र पढ़ाई के बीच किसी भी फील्ड और कोर्स का विकल्प चुनते हैं, तो दिक्कत होती है. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव हो रहा है. चार वर्षीय प्रोग्राम में रिसर्च से लेकर डायरेक्ट प्रोग्राम में एंट्री-एग्जिट (Entry-Exit) की सुविधा मिलेगी. छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ने से लेकर अपनी इच्छा से कोर्स बदल सकेंगे. इसके अलावा विद्यार्थी जहां पर पढ़ाई छोड़ेंगे वहां से 7 वर्ष के भीतर फिर से कर सकेंगे.
क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क
डिग्री प्रोग्राम | पहले | नया लेवल |
यूजी प्रथम वर्ष या सर्टिफिकेट कोर्स | 5 | 4.5 |
यूजी द्वितीय वर्ष या डिप्लोमा कोर्स | 6 | 5 |
तृतीय वर्ष या स्नातक डिग्री या वोकेशनल डिग्री | 7 | 5.5 |
चार वर्षीय डिग्री कोर्स, रिसर्च ऑनर्स, पीजी डिप्लोमा | 8 | 6 |
दो वर्षीय मास्टर डिग्री | 9 | 6.5 |
डॉक्टरल डिग्री | 10 | 8 |
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