यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन की ओर से विश्वविद्यालयों के लिए एक जरूरी एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें आयोग ने संस्थानों की कैंटीन में बनने वाले जंक फूड पर प्रतिबंध लगाने को कहा है. यूजीसी की ओर ICMR की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस फूड पर रोक लगाने की बात कही है.


यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को कैंटीन में जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और स्वस्थ विकल्पों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है. आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मोटापा और मधुमेह एक बड़ी समस्या है. यूजीसी ने राष्ट्र के स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ खाने के महत्व पर जोर दिया है. यूजीसी सचिव प्रो मनीष जोशी ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिख शैक्षिक संस्थानों में अनहेल्दी फूड की बिक्री पर रोक लगाना और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के कैंटीनों में स्वस्थ भोजन के विकल्पों को बढ़ावा देने को कहा है.


क्या कहती हैं रिपोर्ट्स


पत्र में कहा गया है कि एनएपीआई का कहना है कि आईसीएमआर की रिपोर्ट (2020-2023) के अनुसार, भारत में तेजी से बढ़ते मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों की समस्या गंभीर है. हर चार में से एक व्यक्ति मोटापे या डायबिटीज का शिकार है. इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एनएपीआई ने राष्ट्रीय बहु-क्षेत्रीय कार्य योजना (एनएमएपी) के त्वरित कार्यान्वयन की मांग की है. यह योजना गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए बनाई गई थी.


पहले भी दिए थे निर्देश

ये पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हों. इस पहले आयोग की ओर से साल 2016 और 2018 में भी इस तरह के निर्देश दिए गए थे. यूजीसी ने संस्थानों से अपील की है कि वह अनहेल्दी खाने के आइटम्स को कैंटीन से हटाएं और उनके स्थान पर स्वास्थ्य के फायदेमंद आइटम रखें.


यह भी पढ़ें: इन सरकारी नौकरियों के लिए 12वीं पास कर सकते हैं अप्लाई, आज से खुल गया एप्लीकेशन लिंक 


Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI