UGC’s New Planning For Master Degree Course: अगले साल यानी नेक्स्ट एकेडमिक सेशन से एक साल की पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की शुरुआत हो सकती है. ऐसा होने पर देश में पहली बार मास्टर डिग्री एक साल में दी जाएगी. यूजीसी ने मसौदा तैयार कर लिया है और इसी हफ्ते ये राज्यों और यूनिवर्सिटीज को भेजा जाएगा. अगले साल यानी साल 2024 से छात्रों के पास एक साल या दो साल के मास्टर डिग्री प्रोग्राम को ज्वॉइन करने का विकल्प होगा. इतना ही नहीं छात्रों को ये सुविधा भी मिलेगी कि उन्होंने जिन विषयों से यूजी यानी अंडरग्रेजुएट की डिग्री ली हो, उसके अतर विषय से वे पीजी यानी पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकें.


एनईपी पर आधारित हैं ये बदलाव


यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने इस बारे में मीडिया से बातचीत में बताया कि ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी एनईपी 2020 पर आधारित हैं. इस बाबत काउंसिल की मीटिंग 3 नवंबर को हुई थी. इसमें पीजी प्रोग्राम के लिए सिलेबस और क्रेडिटवर्क को मंजूरी दे दी गई है. अभी तक हमारे देश में केवल दो साल के मास्टर प्रोग्राम की ही सुविधा थी लेकिन इसे मंजूरी मिलने के बाद एक साल में मास्टर डिग्री ली जा सकेगी.


किसे मिलेगा मौका


नए सिलेबस और क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत चार साल का यूजी कोर्स करने वाले कैंडिडेट्स को एक साल के मास्टर डिग्री प्रोग्राम करने की छूट मिलेगी. वहीं तीन साल का यूजी कोर्स करने वालों को दो साल की मास्टर डिग्री लेनी होगी.


विषय बदलने की होगी छूट


नए सिलेबस में मल्टीडिस्प्लिनरी पढ़ाई की छूट होगी. यानी जरूरी नहीं होगा कि जिस विषय या स्ट्रीम से यूजी किया है उसी से पीजी करें. सीयूईटी पीजी परीक्षा पास करके आप दूसरे विषय से भी पीजी कर सकते हैं. अगर यूजी में दो विषय रहे हैं और एक मेन और दूसरा साइड सब्जेक्ट रहा है तो साइड सब्जेक्ट से भी पीजी किया जा सकेगा. स्ट्रीम बदलने का भी ऑप्शन मिलेगा. 


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