UGC ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजे री-ओपेन करने के लिए जारी की रिवाइज्ड गाइडलाइंस
University Grants Commission ने यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस रीओपेन करने के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की हैं. कोविड के कारण करना होगा इनका पालन.
UGC Issued Detailed Guidelines For Re-opening Of Universities And Colleges: यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस की रीओपनिंग के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइंस इश्यू की हैं. सभी यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स को इनका पालन करना होगा. दरअसल कोरोना से बचाव के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं. देश में धीरे-धीरे शिक्षण संस्थान खुलने लगे हैं. हालांकि अभी भी यह राज्यों या यूटी पर ही छोड़ा गया है कि वे कैसे अपने यहां से शैक्षणिक संस्थानों को खोलते हैं, खोलते हैं या बंद रखते हैं. जैसे उन्हें फेजेस में संस्थान खोलने हैं, स्ट्रेंथ कम करनी है या केवल बड़े क्लास के बच्चों को ही बुलाना है यह सब राज्य सरकार अपने अनुसार तय करे. जहां कोरोना के जैसे हालात हों उसी हिसाब से निर्णय लिया जा सकता है.
कुछ दिनों पहले हुआ था फेक नोटिस सर्कुलेट –
अभी कुछ दिनों पहले पीटीआई के नाम से इस बाबत एक फेक नोटिस भी कुछ शरारती तत्वों ने सर्कुलेट कर दिया था, जिसमें पीटीआई के हवाले से झूठी खबर दी गई थी कि सभी स्कूल और कॉलेज 30 नवंबर तक बंद रखे जाएंगे. पीटीआई ने आगे आकर सोशल मीडिया पर तेजी से फैलती इस खबर का खंडन भी किया था और कहा था कि यह नोटिस झूठा है. इस बाबत एमएचए ने जो फैसला सितंबर में लिया था वही अभी भी लागू होगा. इसके तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश खुद ही तय करें कि उन्हें अपने यहां से शिक्षण संस्थान कब खोलने हैं.
नई गाइडलाइंस की मुख्य बातें –
यूं तो इन गाइडलाइंस के बारे में विस्तार से यूजीसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर पता किया जा सकता है पर इसकी संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है.
- कंटेनमेंट जोन के बाहर के ही संस्थान खोले जाएं वो भी एक सीक्वेंस में.
- इनके तहत 6 डेज वीक की व्यवस्था की जाए ताकि पढ़ाई का जो नुकसान पिछले दिनों हुआ है उसे कवर किया जा सके.
- क्लासेस का साइज छोटा किया जाए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक प्रकार हो पाए.
- संस्थान की जरूरत के हिसाब से टीचर्स के टीचिंग आवर्स को बढ़ाया जा सकता है. यह संस्थान का अपना निर्णय होगा.
- सभी संस्थान अपने यहां स्टूडेंट्स की सेफ्टी इंश्योर करें और सेंटर द्वारा जारी सभी गाइडलाइंस का ठीक से पालन करें. इस बात का भी ध्यान रखें कि स्टूडेंट्स के फ्लो के लिए संस्थान हर प्रकार से तैयार हो.
- कैम्पस में इस बात का ध्यान रखा जाए कि चीजें सैनिटाइज हों और सभी की ठीक से स्क्रीनिंग हो. किसी भी हाल वायरस संस्थानों के माध्यम से न फैले.
- जो स्टूडेंट्स घर से बैठकर ही पढ़ना चाहें उन्हें ऑनलाइन सब मैटीरियल उपलब्ध कराया जाए. हॉस्टल्स में रूम शेयरिंग की इजाजत न हो. किसी स्टूडेंट को लक्षण हों तो उसे हॉस्टल में न रखा जाए.
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