यूजीसी नेट 2024 एग्जाम पेपर लीक को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की तरफ से यूजीसी-नेट परीक्षा पेपर लीक से जुड़े मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है.
इस एग्जाम का क्वेश्चन पेपर डार्क नेट पर लीक हो गया है और टेलीग्राम पर बेचा जा रहा है इस इनपुट के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपनी क्लोजर रिपोर्ट में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि मामले में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है. इसकी एक रिपोर्ट एजेंसी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भी भेज दी है.
अदालत करेगी तय
अब अदालत ये तय करेगी कि रिपोर्ट को स्वीकार करके मामले को बंद कर दिया जाए या फिर एजेंसी को आगे की जांच करने का निर्देश दिया जाए. अफसरों का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने पाया कि 18 जून, 2024 की परीक्षा के लिए ‘लीक’ प्रश्नपत्र का ‘छेड़छाड़’ किया हुआ स्क्रीनशॉट एक छात्र की ओर से कुछ पैसे कमाने के लिए प्रसारित किया जा रहा था.
डेट और स्टाम्प के साथ छेड़छाड़
इसे परीक्षा के दिन, यूजीसी-नेट की दूसरी पाली से पहले दोपहर में टेलीग्राम चैनलों पर पेपर प्रसारित होते पाया गया. इससे ये आभास हुआ कि पेपर लीक हो गया है और इसे प्रसारित करने वाले व्यक्ति ने इसे हासिल किया है. अधिकारियों ने बताया कि जांच में पाया गया कि स्क्रीनशॉट प्रसारित करने वाले व्यक्ति ने फोटो और इसकी तारीख और समय की स्टैम्प के साथ छेड़छाड़ की थी. जिससे यह दिखाया जा सके कि उसने परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र प्राप्त कर लिया था.
इसलिए होती है परीक्षा
यूजीसी नेट परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन किया था. जो भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और पीएचडी प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करती है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई की चेतावनी के बाद शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को परीक्षा को रद्द कर दिया था.
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI