यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया को आदेश देते हुए एक लेटर लिखा है कि अंडर ग्रेजुएट एडमिशन के लिए सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) कराना ही होगा. आपको बता दें शिक्षा के क्षेत्र में ये बड़ा बदलाव जुलाई 2022 से शुरु हुआ है. देश में कुछ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टेट यूनिवर्सिटीज अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस में इसके तहत एडमिशन भी करा रही हैं.
2022 में 14 लाख छात्रों ने कराया था रजिस्ट्रेशन
साल 2022 में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के लिए 14 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इस परीक्षा के तहत 44 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और 86 विश्वविद्यालयों में कैंडिडेट्स का चयन हुआ था. ये परीक्षा नीट यूजी के बाद देश की सबसे बड़ी परीक्षा बन गई है. नीट में हर साल औसतन 18 लाख छात्र भाग लेते हैं. साल 2022 में इसका एग्जाम दो चरणों में हुआ था. पहला चरण जुलाई में था और दूसरा अगस्त में. ये परीक्षा दस हजार के करीब केंद्रों में आयोजित हुई थी.
CUET को लेकर AMU और UGC में था मतभेद
CUET पर एएमयू का कहना था कि उन्हें कमीशन से विशेष तौर पर कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है इसलिए वे उसी पैटर्न पर एडमिशन लेंगे जिस पर पिछले साल लिया था. यूनिवर्सिटी का कहना है कि केवल सेलेक्टेड प्रोग्राम के लिए ही वे सीयूईटी के स्कोर को मान्यता देंगे. जबकि, यूजीसी का कहना था कि उन्होंने सभी यूनिवर्सिटीज और हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए एडवाइजरी जारी की है और उन्हें आमंत्रित भी किया है कि वे सीयूईटी को पूरी तरह मान्यता दें. इसके अंतर्गत एक ही प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कैंडिडेट्स सभी एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. इसके स्कोर के आधार पर उन्हें हर जगह एडमिशन के लिए चयनित किया जाएगा.
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