दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को आज कड़कड़डूमा कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की अंतरिम जमानत दी, जो 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक प्रभावी रहेगी.


उमर खालिद ने यह जमानत अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए मांगी थी. उन्होंने 10 दिनों की अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की जमानत प्रदान की. इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिली है.


ये भी पढ़ें-


NEET 2025: पेन और पेपर मोड में नहीं बल्कि ऑनलाइन आयोजित होगी नीट परीक्षा? शिक्षा मंत्री ने कही ये बात


यहां से की है पढ़ाई
उमर खालिद की शिक्षा यात्रा बेहद समृद्ध रही है. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की. जहां से उन्होंने इतिहास में बैचलर्स डिग्री प्राप्त की. इसके बाद खालिद ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का रुख किया. जहां उन्होंने मास्टर्स और एम.फिल की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने अपनी पीएचडी भी पूरी की. जेएनयू में अपनी शिक्षा के दौरान उमर खालिद ने कई अकादमिक उपलब्धि हासिल की.


ये भी पढ़ें-


CBSE 10th Exam: 5 सेक्शन में पूछे जाएंगे 38 सवाल, इतने मार्क्स का होगा मैथ्स का पेपर

एक्टिविज़्म में रुचि
उमर खालिद की पहचान केवल एक छात्र नेता के रूप में ही नहीं बल्कि एक सक्रिय सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में भी रही है. जेएनयू में रहते हुए उनका रुझान केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं था. खालिद का राजनीतिक दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें छात्रों के बीच एक प्रभावशाली आवाज बनाती है. उन्होंने विश्वविद्यालयों में छात्रों के अधिकारों और सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की. उमर खालिद हमेशा आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहे हैं. दिल्ली दंगों के मामले में उनके खिलाफ आरोप लगने के बावजूद वे अपने समर्थकों के बीच एक जुझारू नेता के रूप में बने हुए हैं.


ये भी पढ़ें-


Rajasthan Jobs 2024: राजस्थान में निकली 740 पदों पर वैकेंसी, इस डेट से पहले करना होगा अप्लाई


Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI