(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NIOS Virtual School: केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने लॉन्च किया NIOS का 'वर्चुअल स्कूल', कभी भी और कहीं से भी क्लास ले सकेंगे छात्र
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NIOS के 'वर्चुअल स्कूल' को लॉन्च कर दिया है. शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी की एक बुकलेट और एक ऑल्टरनेट एकेडमिक कैलेंडर 2021-22 को भी लॉन्च किया है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के लिए भी वर्चुअल स्कूल लॉन्च कर दिया गया है. मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NIOS के 'वर्चुअल स्कूल' का शुभारंभ किया. वर्चुअल स्कूल का उद्देश्य एडवांस डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिए कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों को पढ़ाना और ट्रेंड करना है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 की एक वर्ष की वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कई अन्य पहलों की भी शुरुआत की. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी की एक बुकलेट और एक ऑल्टरनेट एकेडमिक कैलेंडर 2021-22 को भी लॉन्च किया.
गौरतलब है कि वर्चुअल स्कूल भारत में ऐसा पहला स्कूल है जिसमें वर्चुअल लाइव क्लासरूम और वर्चुअल लैब्स जैसे गैर-पारंपरिक दृष्टिकोणों के माध्यम से टीचिंग और लर्निंग के पैटर्न पर जोर दिया जाएगा.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NIOS की पहल को लेकर किया ट्वीट
NIOS की पहल के बारे में ट्वीट करते हुए, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, "3-9 साल की उम्र के 7.5 करोड़ छात्रों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित में निपुण बनाने के लिए ई-संसाधन हों, या वर्चुअल स्कूल शिक्षक और शिक्षार्थी के बीच की दूरी को कम करने की दिशा में शुरू किए गए हैं. शिक्षार्थी और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करना, यही सब मोदी सरकार का लक्ष्य है और ये शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है."
वर्चुअल स्कूलिंग से दिव्यांग छात्रों की होगी मदद
बता दें कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) की वर्चुअल स्कूलिंग पहल दिव्यांग छात्रों को अवसर प्रदान करेगी और वे समान रूप से कक्षाओं भाग लेने में सक्षम होंगे. वर्चुअल स्कूल के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित रिमोट प्रोक्टर्ड व्यवस्थाओं के माध्यम से भी परीक्षा आयोजित की जाएगी. गौरतलब है कि NIOS के वर्चुअल स्कूल में पारंपरिक शिक्षा के प्रति एक डिजिटल अप्रोच होगा और छात्रों को साइबर सुरक्षा जैसे कॉन्सेप्ट को पढ़ाया जाएगा और इस तरह की ट्रेनिंह नियमित स्कूली शिक्षा के साथ आयोजित की जाएगी. ये स्कूल लैब्स पर फोकस करेंगे और प्रैक्टिकल अप्रोच के माध्यम से छात्रों को ट्रेंड करेंगे.
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