अब बोर्ड एग्जाम के दौरान परेशान नहीं होंगी पीरियड्स से जूझ रहीं गर्ल्स स्टूडेंट्स, शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों को जारी की एडवायजरी
Education News: शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आने वाले सीबीएसई, केवीएस और नवोदय विद्यालय समिति के सभी स्कूलों के लिए एडवायजरी जारी की है
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गर्ल्स स्टूडेंट्स के पीरियड्स को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (13 जुलाई) को सभी स्कूलों को नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया है कि 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम के दौरान पीरियड्स से जूझ रही गर्ल्स स्टूडेंट्स को जरूरी रेस्टरूम ब्रेक देना चाहिए. इसके अलावा सभी एग्जामिनेशन सेंटर्स में उनके लिए फ्री सैनेटरी नैपकिन रखे जाने चाहिए.
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) और नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) के सभी स्कूलों के लिए एडवायजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि मेंसट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट किसी भी एक लड़की के संपूर्ण विकास के लिए बेहद जरूरी है. इसकी वजह से उसकी एकैडमिक परफॉर्मेंस पर असर नहीं पड़ना चाहिए.
शिक्षा मंत्रालय ने दिया यह आदेश
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान सभी एग्जामिनेशन सेंटर्स में सैनिटेशन पैड्स मुफ्त में मुहैया कराए जाने चाहिए. साथ ही, अगर जरूरी है तो एग्जाम के दौरान लड़कियों को जरूरी हाइजीन प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करने की इजाजत भी देनी चाहिए. अगर गर्ल्स स्टूडेंट्स मेंसट्रुअल जरूरतों के लिए रेस्टरूम इस्तेमाल करना चाहती हैं तो उन्हें यह भी अलाऊ किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो और एग्जाम के दौरान उनका फोकस पढ़ाई पर ही रहे.
यह है शिक्षा मंत्रालय का मकसद
जानकारी के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एडवायजरी में कहा गया है कि छात्राओं, टीचर्स और कर्मचारियों के बीच मेंसट्रुअल हेल्थ और हाइजीन को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एजुकेशनल प्रोग्राम किए जाएंगे. इसका मकसद पीरियड्स के टैबू को खत्म करना और स्कूल में अधिक समझ वाले माहौल को बढ़ावा देना है. मंत्रालय ने छात्राओं के साथ मासिक धर्म संबंधी उनके जरूरतों के संबंध में सम्मानजनक व्यवहार करने पर जोर दिया है. साथ ही, परीक्षाओं के दौरान लड़कियों के आत्मविश्वास को बरकरार रखने और उन्हें सशक्त बनाने की अहमियत को बढ़ावा दिया है.
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