कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल से स्कूल-कॉलेज तो बंद हैं ही वहीं फिजिकल मोड में परीक्षाएं भी आयोजित नहीं हो पाई हैं. अब जब कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आ रही है तो एक बार फिर स्कूल-कॉलेज खुलने लगे हैं और इसी के साथ  यूनिवर्सिटी और स्कूल-कॉलेजों भी फिजिकल मोड में परीक्षाएं आयोजित के पूरे मूड में आ गए हैं.


4 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज सितंबर में ऑफलाइन एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कराएंगी


बता दें कि 4 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज का एक समूह सितंबर में ऑफलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा, जबकि कुछ सेंट्रल स्कूल जल्द ही फिजिकल मोड में एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करेंगे. गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से स्कूलों और विश्वविद्यालयों को हरी झंडी मिलने के बाद फिजिकल परीक्षाएं आयोजित की जाएगी. कई अन्य एंट्रेंस एग्जाम जैसे कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि विश्वविद्यालय भी सितंबर के लिए निर्धारित हैं. बहरहाल  ये एंट्रेंस 17 महीने से अधिक समय से बंद पड़े कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने की शुरुआत हो सकती है.


NTA फेस टू फेस परीक्षा कराने पर सहमत


वहीं पंजाब के केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आरपी तिवारी के मुताबिक,“हमने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से संपर्क किया है, जो शिक्षा मंत्रालय के तहत काम करती है, और यह फेस टू फेस परीक्षा करने के लिए सहमत हो गई है, जो सितंबर में बाहरी केंद्रों में कंप्यूटर आधारित होगी. फिलहाल ज्यादा डिटेल्स पर काम किया जा रहा है."


उन्होंने आगे कहा कि “इससे 14 सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक कंसोर्टियम को लाभ होगा जो अपेक्षाकृत नए हैं. यह निर्णय लेते समय छात्रों का कल्याण हमारे मन में होता है. कोविड -19 की स्थिति में सुधार हो रहा है और हमें सितंबर में बेहतर माहौल देखने की उम्मीद है.”


एक अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर ने कहा कि, “सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट इस साल 40-ऑड सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए नहीं हो रहा है, लेकिन 14 यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय स्तर के एंट्रेंस एग्जाम कराने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालय स्तर पर, विश्वसनीय मूल्यांकन न करना छात्रों और संस्थान को नुकसान पहुँचाता है.”


परीक्षा आयोजन के दौरान कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा


वहीं मंत्रालय के एक अधिकारी कहा कि, मंत्रालय, एक प्रिंसिपल के रूप में, अपने अधिकार क्षेत्र के तहत स्कूलों और संस्थानों को परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देता है. अधिकारी ने कहा, “हालांकि, ऐसा करते समय, उन्हें परीक्षा आयोजित करने वाले छात्रों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कोविड -19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.


अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय और संस्थान एग्जाम डिलिवरी में में किसी भी तरह की मदद के लिए एनटीए से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय एनटीए के माध्यम से स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहा है, जबकि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) सितंबर में एनटीए के माध्यम से इसे आयोजित कर रहा है. ये कंप्यूटर आधारित टेस्ट होंगे.


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