अभद्र टिप्पणी मामले में यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट पर लगाया जुर्माना, केजरीवाल सरकार ने किया माफ
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने विश्वविद्यालय को लिखे पत्र में कहा है कि, “एक विश्वविद्यालय छात्रों के लिए स्वतंत्र रूप से अपनी राय देने और बहस करने करने के लिए एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए."
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दिल्ली सरकार ने अंबेडकर विश्वविद्यालय से उन छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है, जिन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ "अभद्र टिप्पणी" की थी. हालांकि विश्वविद्यालय ने छात्रा पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन आप सरकार के एक पत्र में कहा गया है कि इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करने के बजाय पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में लाया जाना चाहिए था.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने विश्वविद्यालय को लिखे पत्र में कहा है कि, “एक विश्वविद्यालय छात्रों के लिए स्वतंत्र रूप से अपनी राय देने, बहस करने और अपनी बात विकसित करने के लिए एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए. ”
छात्र पर लगाये गए जुर्माने को रद्द करने का निर्देश
डिप्टी सीएम ने हायर एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि छात्रा पर लगाया गया जुर्माना रद्द किया जाए और दिल्ली सरकार के तहत सभी विश्वविद्यालयों को रेलिवेंट डायरेक्शन जारी करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों की राय व्यक्त करने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
छात्रों को अपनी राय रखने और टिप्पणी करने का अधिकार है
पत्र में कहा गया है कि, "किसी भी छात्र को विश्वविद्यालय के भीतर बोलने की आजादी के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए. इसमें यह भी कहा गया है कि छात्र हमारे देश का भविष्य हैं और उन्हें आलोचना करने, टिप्पणी करने और अपनी आवाज बुलंद करने की अनुमति दी जानी चाहिए."
सिसोदिया ने अभिव्यक्ति की आजादी की दी दुहाई
सिसोदिया ने कहा कि प्रत्येक छात्र को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि "अगर हमारे देश में राजनीतिक नेताओं के खिलाफ आलोचना और असंतोष की आवाज व्यक्त नहीं की जा सकती है, तो हम अब लोकतंत्र नहीं बल्कि एक तानाशाही हैं."
ये है मामला
बता दें कि एमए के फाइनल सेमेस्टर की एक छात्रा पर यूनिवर्सिटी ने 30 जून को जुर्माना लगाया था. दरअसल उसने ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के दारान अंबेडकर यूनिवर्सिटी की प्रवेश नीति के खिलाफ यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग लिंक पर टिप्पणी पोस्ट कर दी थी. जिसमें फीस बढ़ोतरी और एससी/एसटी छात्रों के खिलाफ कथित भेदभाव शामिल था. वहीं प्रॉक्टर के आदेश में कहा गया है कि उसने अभद्र टिप्पणी की थी. हालांकि छात्रा का कहना है कि ऑनलाइन प्रोटेस्ट में शामिल दर्जनों छात्रों में से वह एक थी लेकिन उस पर ही जुर्माना लगा दिया गया.
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