हालांकि तीसरी बार लॉकडाउन के बढ़ जाने के बाद यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के संदर्भ में प्रदेश सरकार और बोर्ड की प्लानिंग में किसी प्रकार के परिवर्तन की आधिकारिक जानकारी नहीं जारी की गयी है. परन्तु गाइड लाइन के अनुसार रेड जोन में ऐसी किसी भी प्रकार की गतिविधियों पर रोक है जो कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में बाधा पैदा करती है. ऐसी दशा में रेड जोन में आने वाले मूल्यांकन केन्द्रों पर मूल्यांकन कार्य का होना संभव प्रतीत नहीं होता.
ऐसा लगता है कि यूपी बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी 5 मई से उन्हीं जिलों में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने पर विचार कर रहे हैं जिन्हें ग्रीन या ऑरेंज जोन में रखा गया है. चूँकि यहां बहुत अधिक प्रतिबंध नहीं है.
हालांकि माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट ने यूपी बोर्ड की कापियों का मूल्यांकन शुरू करने का विरोध कर रहें हैं. संगठन के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि 17 मार्च 2020 को जब बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के कापियों का मूल्यांकन स्थगित किया गया था तो प्रदेश में मात्र 13 कोरोना संक्रमित मरीज थे, परन्तु प्रदेश में आज इनकी संख्या करीब 2300 तक पहुंच चुकी है. ऐसे स्थिति में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य करवाने का निर्णय लेना अव्यावहारिक और परिस्थितियों के विपरीत है.
आपको बता दें कि यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं कक्षा की करीब 3 करोड़ से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन किया जाना है. इसके लिए यूपी बोर्ड ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में 275 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे.
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