संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा. आरपी मिश्र ने बताया कि शासन द्वारा 25 अप्रैल 2020 से बोर्ड परीक्षाओं की कापियों का मूल्यांकन कराये जाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं. जबकि पूरे देश में 3 मई 2020 तक लॉकडाउन लागू किया गया है. जिसके कारण परीक्षकों को मूल्यांकन केंद्रों पर पहुँचने के लिए आवागमन के साधनों – बस, ट्रेन, जीप, टैम्पो ऑटोरिक्शा और मैट्रो की प्रबल समस्या होगी. परिणाम स्वरूप जिन शिक्षकों के पास निजी वाहन नहीं हैं. वे मूल्यांकन केंद्रों तक नहीं पहुँच सकते हैं.
सोशल डिस्टेन्सिग के लिए लागू गाइड लाइन्स के अनुसार मूल्यांकन के समय शिक्षकों के मध्य कम से कम 6 फीट की दूरी होनी चाहिए. ऐसी स्थिति में मूल्यांकन केंद्रों की संख्या को 4 से 5 गुना अधिक बढ़ानी पड़ेगी. यही नहीं पिछले अनुभवों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मूल्यांकन केन्द्रों के गंदे कमरों और शौचालयों आदि की सफाई और रोजाना सैनेटाइज कराया जाना भी सम्भव नही लगता है.
आपको बतादें कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने 17 अप्रैल 2020 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा एक मीटिंग की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन के बारे में 20 अप्रैल के बाद कोई निर्णय लिए जायेंगें. तथा सभी डीआईओएस को मूल्यांकन के कार्यों को शुरू करवाने के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा था. इस मीटिंग में 25 अप्रैल 2020 से कापियों के मूल्यांकन शुरू कराने के भी संकेत मिले हैं.
विदित हो कि यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य 16 मार्च से शुरू किया गया था. परन्तु कोरोना वायरस के कारण इसे 2 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया था. परन्तु अब लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है.
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